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  11. <title>Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</title>
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  14. <description>Free Hindi Sex Stories, Antarvasna Kahani, हिंदी सेक्स कहानियाँ</description>
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  31. <title>मेरी बड़ी साली गुलाबी चूत वाली</title>
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  34. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  35. <pubDate>Mon, 30 Dec 2024 04:51:15 +0000</pubDate>
  36. <category><![CDATA[साली (Sister in law)]]></category>
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  38.  
  39. <description><![CDATA[<p>मेरे बीवी की बड़ी बहन यानि मेरी बड़ी साली का नाम कविता है, उसके पति संदीप जी दुबई में हैं, चार साल में कभी ही</p>
  40. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4/">मेरी बड़ी साली गुलाबी चूत वाली</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  41. ]]></description>
  42. <content:encoded><![CDATA[
  43. <p>मेरे बीवी की बड़ी बहन यानि मेरी बड़ी साली का नाम कविता है, उसके पति संदीप जी दुबई में हैं, चार साल में कभी ही घर आते हैं। मेरी बड़ी साली को अभी कोई बच्चा नहीं था उनकी शादी को तब चार साल ही हुए थे लेकिन संदीप जी शादी से पहले ही दुबई में थे इसलिए कविता के साथ ज्यादा समय नहीं रह पाए थे।</p>
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  47. <p>पहले मैंने कभी कविता को ग़लत नजरों से नही देखा था, लेकिन एक दिन कविता बाज़ार गई हुई थी कि अचानक बारिश शुरू हो गई। मैं टी वी पर मूवी देख रहा था, मूवी में कुछ सीन थोड़े से सेक्सी थे जिन्हें देख कर मन के ख्याल बदलना लाजमी था।</p>
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  50.  
  51. <p>उस समय मेरे मन में बहुत उत्तेजना पैदा हो रही थी। मैं धीरे धीरे अपने लंड को सहलाने लगा। तभी दरवाज़े की घण्टी बजी, मैं घबरा गया, मुझे लगा जैसे किसी ने मुझे देख लिया हो, लेकिन मुझे याद आया कि घर में तो कोई है ही नहीं, मैं बेकार में डर रहा था।</p>
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  55. <p>मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया। बाहर कविता खड़ी थी, उनका बदन पूरी तरह पानी से भीगा हुआ था और वो आज पहले से भी ज्यादा जवान और खूबसूरत लग रही थी। मैंने दरवाजा बंद कर दिया और जैसे ही पीछे मुड़ा तो मेरी नज़र कविता की कमर पर पड़ी जहाँ पर उनकी गुलाबी साड़ी के ब्लाऊज़ से उनकी काले रंग की ब्रा बाहर झांक रही थी।</p>
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  58.  
  59. <p>कविता ने सामान सोफे पर रखा और मुझसे बोली- अजय जी, मेरा पूरा बदन भीग चुका है इसलिए आप मुझे अंदर से एक तौलिया ला दो, मैं तौलिया ले आया तो कविता मुस्कुराते हुए बोली- सामान हाथों में लटका कर लाने से मेरे हाथ दर्द करने लग गए हैं इसलिए तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे?</p>
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  63. <p>मैंने पूछा- क्या काम है?</p>
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  67. <p>कविता बोली- जरा मेरे बालों से पानी सुखा दोगे?</p>
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  71. <p>मैंने कहा- क्यूँ नहीं?</p>
  72.  
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  74.  
  75. <p>कविता सोफे पर बैठ गई। मैंने देखा बालों से पानी निकल कर उनके गोरे गालों पर बह रहा था। मैं कविता के पीछे बैठ गया, उनको अपने पैरों के बीच में ले लिया और बालों को सुखाने लगा। कविता का गोरा और भीगने के बाद भी गरम बदन मेरे पैरों में हलचल पैदा कर रहा था। बाल सुखाते हुए मैंने धीरे से उनके कंधे पर अपना हाथ रख दिया। कविता ने कोई आपत्ति नहीं की। धीरे से मैंने उनकी कमर सहलानी शुरू कर दी।</p>
  76.  
  77.  
  78.  
  79. <p>तभी अचानक कविता कहने लगी- मेरे बाल सूख गए हैं, अब मैं भीतर जा रही हूँ।</p>
  80.  
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  82.  
  83. <p>वो कमरे में चली गई पर मेरी साँस रुक गई। मैंने सोचा कि शायद कविता को मेरे इरादे मालूम हो गए। कमरे में जाकर कविता ने अपने कपड़े बदलने शुरू कर दिए। जल्दी में कविता ने दरवाजा बंद नहीं किया वो बड़े शीशे के सामने खड़ी थी, उन्होंने अपना एक एक कपड़ा उतार दिया।</p>
  84.  
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  87. <p>मैंने देखा कि कविता बड़ी गौर से अपने बदन को ऊपर से नीचे तक ताक रही थी। मेरा दिल अब और भी पागल हो रहा था और उस पर भी बारिश का मौसम जैसे बाहर पड़ रही बूंदें मेरे तन बदन में आग लगा रही थी। अबकी बार कविता ने मुझे देख कर अनदेखा कर दिया. शायद ये मेरे लिए हरी झण्डी थी। मैं कमरे में अन्दर चला गया।</p>
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  91. <p>कविता बोली- अरे अजय, मैंने अभी कपड़े नहीं, पहने तुम बाहर जाओ !</p>
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  95. <p>मैं बोला- कविता, मैंने तुम्हें कपड़ो में हमेशा देखा, लेकिन आज बिन कपड़ों के देखा है, अब तुम्हारी मर्ज़ी है, तुम मेरे सामने ऐसे भी रह सकती हो!</p>
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  99. <p>और यह कहते हुए मैंने उनको बाहों में ले लिया। उन्होंने थोड़ी सी ना-नुकर की लेकिन मैंने ज्यादा सोचने का समय नही दिया और बिंदास उनको चूमना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि कविता ने आँखें बंद कर ली हैं। इसमें उनकी सहमति छुपी थी।</p>
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  103. <p>मैं दस मिनट तक उसे चूमता रहा। इस बीच मेरे गरम होंट उसके गोरे बदन के ज़र्रे ज़र्रे को चूम गए। अचानक कविता ने मुझे जोर से धक्का दिया और मैं नीचे गिर गया। एक बार को मैं फ़िर डर गया लेकिन अगले ही पल मैंने पाया कि कविता मेरे ऊपर आकर लेट गई और मेरे सारे कपड़े उतार दिए।</p>
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  107. <p>हम दोनों के बीच से कपड़ो की दीवार हट चुकी थी। मेरा लंड पूरी तरह तैनात खड़ा था। तभी उसने मेरे ऊपर आकर मेरे लंड को अपने नरम होंटों से छुआ और अपने मुँह में ले लिया। वो मेरे ऊपर इस तरह बैठी थी कि उसकी चूत बिल्कुल मेरे होंठों पर आ टिकी थी।</p>
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  111. <p>मैंने चूत को बिंदास चाटना शुरू कर दिया। उसके मुँह से मेरा लण्ड आजाद हो गया था और आआहऽऽ… आआऽऽऽ… ऊऊऊऊ……. ऊओफ्फ्फ्फ़ की आवाज उसके मुँह से आने लगी थी। तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो मुझसे बोली- ओह मेरी चूत तुम्हारे इस सुडौल लंड को लिए बिना नही रह सकती, प्लीज़ अपने इस खिलाड़ी को मेरी चूत के मैदान में उतार दो ताकि यह अपना चुदाई का खेल सके।</p>
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  115. <p>कविता अब मेरे लंड को लेने के तड़पने लगी थी। मैंने भी उसी वक्त कविता को बाहों में भरा और उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया। कविता की चूत रसीली हो रखी थी, मैं कविता के ऊपर लेट गया, मेरा लंड कविता के चूत के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था।</p>
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  119. <p>कविता ने चूत को अपने दोनों हाथों से खोल दिया और मैंने धीरे से कविता की चूत में अपना लंबा लंड डालना शुरू कर दिया। काफी दिनों से कविता की चुदाई नहीं हुई थी इसलिए कविता की चूत एक दम टाईट थी। मैंने जोर से झटका लगाया और लंड पूरी तरह चूत की आगोश में समां चुका था।</p>
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  123. <p>कविता के मुँह से आआह्ह मार डाला की आवाज़ निकल गई और मुझे थोड़ी देर हिलने से मना कर दिया कुछ देर बाद वो नीचे से हल्के-हल्के झटके लगाने लगी अब मुझे भी चूत का मजा आने लगा और मैंने कविता की चुदाई शुरू कर दी जितने ज़ोर से मैं कविता की चुदाई करता।</p>
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  127. <p>वो उतनी सेक्सी सेक्सी आवाज़ निकालने लगी- आह्ह आह ऊऊ ऊऊ ईई ईशश्र्श्र्श्र आआआआ ऊऊओफ़ फफ ऊऊऊ फफ फ अआ ह्ह्ह. धीरे धीरे चूत ढीली होने लगी हम दोनों ने कम से कम आधे घंटे तक चुदाई की आधे घंटे बाद अचानक कविता मुझसे जोर से लिपट गई और उसकी चूत थोड़ी देर के लिए कस सी गई कुछ और झटके लगाने के बाद मेरे लंड ने अपना वीर्य चूत में छोड़ दिया।</p>
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  131. <p>और वो फ़िर से मुझे लिपट गई मैं इसी तरह दस मिनट तक कविता के ऊपर लेटा रहा। उस दिन की बरसात से लेकर और अब तक ये आपका अजय अपनी कविता के प्यासे बदन पर हर साल बरसता है। मैं कभी कभी मीटिंग के बहाने जाता हूँ या कभी कभी वो अपनी बहन से मिलने हमारे घर आती है तो उसे चोदता हूँ।</p>
  132. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3280" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3280" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4/">मेरी बड़ी साली गुलाबी चूत वाली</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
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  136. </item>
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  138. <title>कामवाली की चूत बहुत हसीन है</title>
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  141. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  142. <pubDate>Mon, 30 Dec 2024 04:47:09 +0000</pubDate>
  143. <category><![CDATA[कामवाली की चूत बहुत हसीन है]]></category>
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  145.  
  146. <description><![CDATA[<p>लड़कियों की चूत और गांड को चोदने का मजा ही कुछ और है। मुझे लड़कियों के निप्पल को चूसना बेहद पसंद है। दोस्तों मै एक</p>
  147. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%b9%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b9/">कामवाली की चूत बहुत हसीन है</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  148. ]]></description>
  149. <content:encoded><![CDATA[
  150. <p>लड़कियों की चूत और गांड को चोदने का मजा ही कुछ और है। मुझे लड़कियों के निप्पल को चूसना बेहद पसंद है। दोस्तों मै एक अमीर परिवार का लड़का हूँ। मेरे पापा की चार मेडिसिन की फैक्ट्रियां है। मै सिर्फ दो भाई ही हूँ। मै छोटा हूँ। मेरे बड़े भाई की शादी हो चुकी है।</p>
  151.  
  152.  
  153.  
  154. <p>मेरी भाभी बहुत ही लाजबाब हैं। रिश्ते में अगर मेरी भाभी न होती तो मैं उन्हें खूब चोदता। भाभी की कमर बहुत ही पतली है। भाभी की लचकती कमर को देख कर लौड़ा खड़ा हो जाता है। भाभी बहुत ही हॉट लगती है। मैंने भाभी जी की चूंचियो को कई बार देखा है।</p>
  155.  
  156.  
  157.  
  158. <p>लेकिन छूने की आज तक हिम्मत नहीं हुई। मै हमेशा से ही लड़कियों को पटा कर चुदाई करने में रूचि रखता था। भाभियो की भी कभी कभी चुदाई का अवसर मिल जाता था। मैंने भाभियों की चूंची खूब पी है। मैं भी अपनी कंपनी में ही रहता हूँ। मैंने अपनीं कंपनी में ही कई सारी लडकियां चोदी है।</p>
  159.  
  160.  
  161.  
  162. <p>कंपनी में कुछ लड़कियां बहुत ही हॉट और सेक्सी बनकर आती हैं। मेरा लंड तो उन्हें देखते ही खड़ा हो जाता हूं। भैया भाभी का घर अलग है। हिमांचल में हमारा 5 घर है। दो घकर किराये पर दे दिया है। एक पर मम्मी पापा रहते है। एक घर पर मैं रहता हूँ।</p>
  163.  
  164.  
  165.  
  166. <p>मेरे एक घर पर भैया भाभी रखते हैं। मैं अकेला ही घर पर रहता हूँ। मैं रोज लड़की लाकर घर पर चोदता हूँ। मेरे घर पर काम करने वाली ये सब जानती थी। वो ही कमरा साफ़ करके बिस्तर सही करती थी। मैं अपने कमरे का दरवाजा भी नही बंद करता था।</p>
  167.  
  168.  
  169.  
  170. <p>मेरे कामवाली का नाम कंगना है। मैं कंगना की भी चूंचियां कभी कभी बातों ही बातों में दबा देता था। कंगना भी बहुत खूबसूरत लगती थी। मन तो उसे ही चोदने को करता था। लेकिन उसे काम पर पापा ने लगाया था। कही वो पापा से जाकर सब बता ना दे।</p>
  171.  
  172.  
  173.  
  174. <p>इसिलिए मैं उसे कभी हाथ भी नहीं लगाता था। बहुत ही कहने पर मेरे यहां काम करने को राजी हुआ था। मेरा मन कंगना को चोदने को करने लगा। कंगना एक दिन गिर गई थीं। उसके कपडे पर कीचड लग गया था। मैंने उसे कहा जाकर नहा लो।</p>
  175.  
  176.  
  177.  
  178. <p>कंगना- नहा तो लेती साहब लेकिन कपडे नहीं है मेरे पास। नहाने के बाद क्या पहनूंगी मैं- मै बाहर जा रहा हूँ। तुम अपनी साइज बता दो मैं ले आता हूँ.</p>
  179.  
  180.  
  181.  
  182. <p>कंगना ने अपने 34 की ब्रा की साइज बताई। और जो भी बताया कंगना ने मैंने नोट किया। बाहर जाकर मैंने कंगना को नया नया कपङा ले आया। मैंने सारे कपडे कंगना को दिखाया। कंगना को जब पैंटी ब्रा दिखा रहा तो कंगना शरमा गई। मैंने कंगना को कपडे देकर अपने रूम में चला आया।</p>
  183.  
  184.  
  185.  
  186. <p>कंगना कपडे पहन कर बाहर आई। मैंने कंगना को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मै कंगना के लिए रेड कलर का टी शर्ट और ब्लू कलर की जीन्स लाया था। कंगना घर की कामवाली नहीं लग रही थी। कंगना घर की मालकिन लग रही थी। कोई भी देखता कंगना को तो मालकिन समझ बैठता। कंगना को देखते ही मेरा लौड़ा खड़ा होकर सलाम ठोकने लगा।</p>
  187.  
  188.  
  189.  
  190. <p>मै- कंगना इन कपड़ो में तो तुम कुछ ज्यादा ही हॉट और सेक्सी लग रही हो कंगना- थैंक यू आज आप नहीं लाते कपड़ा तो मुझे गंदे कपड़े पहने रहना पड़ता मै- आज तो मैं घर पर ही रहता तो तुम्हे गंदे कपडे कैसे पहने रहने देता कंगना- आज साहब आप कही नहीं जाओगे मैं- आज मैं अकेला ही घर पर रहूँगा कंगना- क्यों कज किसी को नहीं लाओगे</p>
  191.  
  192.  
  193.  
  194. <p>मैं- आज मेरे साथ कोई नहीं आएगा। आज तो मैं पुरे दिन बैठ कर बोर हो जाऊँगा कंगना कुछ नहीं बोली। चुपचाप खड़ी थी मैंने कंगना से कहा- कंगना आज तुम घर का कोई काम ना करो। तुम आओ यहां मेरे पास बैठ जाओ। हम लोग बात करेंगे कंगना- नहीं साहब बहुत काम है। करना है उसे और खाना भी बनाना है मैं- रहने दो आज खाना वाना कुछ ना बनाओ। मै अभी होटल से ले आता हूँ.</p>
  195.  
  196.  
  197.  
  198. <p>कंगना की उभरी चूंचियो को देख कर उसे ही देखने का मन कर रहा था। मैंने कंगना को अपने सामने बिस्तर पर बैठाया। पहले कमरा खुला होता था। तो कोई भी आता था कंगना बता देती थी। लेकिन आज तो कंगना खुद ही बिस्तर पर थी। मैंने कंगना से कहा दरवाजा बंद कर दो। कंगना ने दरवाजा बंद कर दिया।</p>
  199.  
  200.  
  201.  
  202. <p>मैं कंगना के ठीक सामने बैठकर कंगना की चूंचियो को देखा रहा था। कंगना आज नया नया कपड़ा पाकर बहुत ही खुश थी। मैंने कंगना के करीब धीऱे धीऱे करवट लेकर पहुच गया। कंगना अब मुझसे बहुत ही करीब थी।</p>
  203.  
  204.  
  205.  
  206. <p>कंगना मेरे बराबर बिस्तर पर बैठ ही नहीं रही थी। मैंने किसी तरह से समझाकर बैठाया था। मैंने उसे कहा मान तुम इस घर की मालकिन हो। कंगना कुछ कहती उससे पहले मैने कहा- कंगना इस घर की मालकिन हो तुम अब मालकिन का रोल भी अदा करो.</p>
  207.  
  208.  
  209.  
  210. <p>मैं कंगना के करीब पहुचकर कंगना की मुँह के पास जाकर बोला- क्या तुमने कभी सेक्स किया है कंगना- नहीं मैं- सिखा दूं तुम्हे आज कंगना- नहीं मुझे नहीं सीखना है.</p>
  211.  
  212.  
  213.  
  214. <p>लेकिन मैंने कंगना की सीखने की तड़प को समझ गया था। कंगना को मैने चिपका लिया। कंगना ने कोई विरोध नहीं किया। मैंने कंगना का हाथ अपने हाथ में लेकर चूमने लगा। कंगना की नाखूनों को देखकर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये कोई कामवाली हो सकती है।</p>
  215.  
  216.  
  217.  
  218. <p>कंगना को भी चुदने की प्यास थी। मैं तो खैर दो तीन दिन की चुदाई का प्यासा था। मैंने कंगना की हाथो को चूमना शुरू किया। कंगना के हाथों को चूमते ही कंगना का मूड चुदाई को बनने लगा। मैंने कंगना की चेहरे की तरफ देखा। कंगना के चेहरे की तरफ देख कर मैंने अपना होंठ कंगना की होंठ पर लगा दिया।</p>
  219.  
  220.  
  221.  
  222. <p>कंगना की होंठ बहुत ही नाजुक थी। कंगना के होंठो को चूमने में बहुत मजा आ रहा था। कंगना की तड़प को मैंने महसूस कर लिया। मैंने अब कंगना के होंठ को चूमते चूमते काटने लगा। कंगना के होंठ को काटते ही कंगना ने अपना जलवा दिखाया। कंगना ने भी मेरा साथ देना शुरू किया।</p>
  223.  
  224.  
  225.  
  226. <p>कंगना की होंठ को मैंने चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। मैंने कंगना की होंठ की दोनों पंखुडियो को चूंसने में मस्त था। कंगना भी मेरा होंठ खूब मजे ले ले कर चूस रही थी। हम दोनों एक दूसरे का होंठ बहुत ही अच्छे से चूस रहे थे। कंगना भी अब चुदाई की प्यासी लगने लगी।</p>
  227.  
  228.  
  229.  
  230. <p>कंगना धीऱे धीऱे मेरे साथ होंठ चुसाई में स्पीड बढा रही थी कंगना को मैंने होंठ चूस चूस कर लाल कर दिया अब उसके होंठ गुलाब के पंखुडियो की तरह देख रहे थे कंगना के होंठ बहुत ही रोमांचक लग रहीं थी मैंने धीरे धीऱे अपना हाथ कंगना की चूंचियों की तरफ बढ़ाया।</p>
  231.  
  232.  
  233.  
  234. <p>कंगना की चूंचियां बहुत ही सॉफ्ट थी कंगना की चूंचियों को दबाने का मन बहुत कर रहा था कंगना की चूंचियो को मैं मसलने लगा कंगना की चूंचियो को मसलते ही कंगना की साँसे ताज हों गई कंगना की मुँह से अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ अअअअअ आहा हा हा हा की सिसकारियां निकलने लगी।</p>
  235.  
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  237.  
  238. <p>कंगना की ये सिसकारियां बहुत ही अच्छी लग रही थी मैंने कंगना की दोनों चूंचियो को अपने हाथो में लेकर खेलने लगा कंगना अपनी चूंचियां दबवा रही थी मैंने कंगना की टी शर्ट को निकालने के लिए कंगना को बिस्तर पर बैठा दिया। कंगना बिस्तर पर बैठ गई।</p>
  239.  
  240.  
  241.  
  242. <p>कंगना की टी शर्ट को मैंने निकाल दिया। कंगना जोश में थी मैं अब कंगना के साथ कुछ भी करता कंगना कोई विरोध नहीं कर रही थी मैंने कंगना की ब्रा का हुक भी खोलकर ब्रा को निकाल दिया कंगना की ब्रा को निकालते ही कंगना की गोरे रंग की भूरी भूरी बूब्स दिखने लगी।</p>
  243.  
  244.  
  245.  
  246. <p>कंगना को मैंने अपने पास करके मैंने कंगना को लिटा दिया। कंगना के ऊपर चढ़कर कंगना की चूंचियो को पीने लगा। कंगना की चूंचियों को पीने में बहुत मजा आ रहा था। कंगना की दोनों चूंचियो को मै दबा कर पी रहा था। कंगना की चूंची बहुत ही मुलायम थी।</p>
  247.  
  248.  
  249.  
  250. <p>कंगना की बूब्स पर काले रंग का निप्पल बहुत ही जबरदस्त लग रहा था कंगना की चूंचियो को मैं बारी बारी से पी रहा था कंगना भी अपनी चूंचियो को पिलाकर बहुत खुश हो रही थी मैंने कंगना की चूंचियो के निप्पल को दांतों से बीच बीच में काट लेता था।</p>
  251.  
  252.  
  253.  
  254. <p>चूंचियों के निप्पल कटते ही कंगना उ उ उ उ उ…अ अ अ अ अ आ आ आ आ….सी सी सी सी…ऊँ…ऊँ…ऊँ… की आवाज निकाल रही थी। मैंने कंगना की चूंचियो को और जोर जोर से पीना शुरू किया। कंगना की चूंचियो का रसपान करके मैंने दूध पीना बंद किया। मैंने कंगना की जीन्स का हुक खोला।</p>
  255.  
  256.  
  257.  
  258. <p>हुक खोलकर मैंने कंगना की जीन्स निकाल दी कंगना की जीन्स को निकालते ही कंगना पैंटी में हो गई मैंने अपने लाये सारे कपड़ उतार दिए मैंने कंगना की पैंटी भी निकाल दी कंगना की पैंती निकलते ही कंगना पूरी तरह से नंगी हो गई।</p>
  259.  
  260.  
  261.  
  262. <p>कंगना की दोनों टांगो को फैलाकर मैंने फैलाकर कंगना की चूत के दर्शन किये मैंने कंगना की चूत में अपना लौड़ा डालने से पहले कंगना की चूत को चाटने लगा। मैंने भी अपने सारे कपडे उतार कर कंगना की चूत को चाटने लगा। कंगना की चूत चाट चाट कर मैंने गुलाबी कर दिया।</p>
  263.  
  264.  
  265.  
  266. <p>गुलाबी चूत बहुत ही फूली हुई थी। फूली चूत देखकर मेरा लौड़ा और भी बड़ा हो गया। मैंने अपना लौड़ा निकाल कर कंगना को दे दिया। एक तरफ मेरा लौड़ा कंगना चूस रही थी। दूसरी तरफ मै कंगना की चूत चाट रहा था। कंगना मेरे लौड़े को चूस रही थी।</p>
  267.  
  268.  
  269.  
  270. <p>मैंने कंगना की चूत में अपनी जीभ डालकर चूस चूस कर चाट रहा था। कंगना की अपनी चूत को चटवाने में बहुत मजा आ रहा था। मैने कंगना की चूत में अपना लौड़ा डालने के लिए कंगना की मुँह से निकाल लिया। कंगना भी अब अपनी दोनों टाँगे खोलकर लेटी हुई थी।</p>
  271.  
  272.  
  273.  
  274. <p>मैंने कंगना की चूत पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा कंगना की गुलाबी चूत और भी ज्यादा गुलाबी हो गई। गुलाबी चूत कंगना की और भी ज्यादा गरम हो गई। मैंने कंगना की चूत में अपना लौड़ा चूत में नालियों के बीच में रगड़ रहा था। कंगना की चूत गीली हो चुकी थी।</p>
  275.  
  276.  
  277.  
  278. <p>कंगना की गीली चूत में मैंने अपना लौड़ा डालने की कोशिश करने लगा। कंगना की गीली चूत के छेद पर अपना लौड़ा सटा कर लगा दिया। कंगना चुदवाने को तड़प रही थी। कंगना। की चुदाई की तड़प बढ़ती ही जा रही थी। मै भी कंगना की चूत की छेद पर अपना लौड़ा रगड़ रहा था।</p>
  279.  
  280.  
  281.  
  282. <p>कंगना की चूत का गर्म पानी मेरे लौड़े पर लग रहा था। मेरा लौड़ा और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगा। मैंने अपना लौड़ा कंगना की चूत की छेद में डालने के लिए लगा दिया। कंगना की चूत को मैंने अपना धक्का मारा। कंगना की चूत गीली थी। मैंने कंगना की चूत में अपने लौड़े का टोपा घुसा दिया।</p>
  283.  
  284.  
  285.  
  286. <p>मेरे लौड़े का टोपा कंगना की चूत में घुसा हुआ था कंगना जोर से चिल्लाई ओह्ह माँ ओह्ह माँ आह आह उ उ उ उ उ अ अ अ अ अ आआआआ की आवाज निकाल कर चिल्लाने लगी मेरा लौड़ा काफी बड़ा मोटा था कंगना की चीख निकल गई मेरे लौड़े का टोपा घुसते ही।</p>
  287.  
  288.  
  289.  
  290. <p>कंगना की चूत बहुत ही लाजबाब थी। मैंने कंगना की चूत में अपना लौड़ा डाल कर अंदर कर रहा था। मेरा लौड़ा अंदर तक नहीं जा पा रहा था। मैं अपने लंड की थोड़ा सा ही घुसा घुसा कर चोद रहा था। मैंने कंगना की चूत में लौड़े को जोर से धक्का मार कर पूरा लौड़ा अंदर घुसे दिया।</p>
  291.  
  292.  
  293.  
  294. <p>कंगना की चीख इस बार पहले से ज्यादा निकल गई। कंगना जोर जोर से ….मम्मी…मम्मी…सी सी सी सी…हा हा हा ….ऊऊऊ …ऊँ…ऊँ..ऊँ …उनहूँ उनहूँ… की आवाज निकालने लगी। मैंने कंगना को अपने पूरे लौड़े से चोदना शुरू किया। मेरा पूरा लौड़ा कंगना की चूत में अंदर बाहर होने लगा।</p>
  295.  
  296.  
  297.  
  298. <p>मैंने कंगना की जबरदस्त चुदाई करनी शुरू कर दी। कुछ समय तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने कंगना की चूत से अपना लौड़ा निकाल लिया। कंगना को मैंने झुका दिया। कंगना बिस्तर पर खड़ी झुकी हुई थी। मैंने कंगना की चूत में अपना लौड़ा एक बार फिर से घुसा कर जोर जोर से कमर पकड़ कर चोदने लगा।</p>
  299.  
  300.  
  301.  
  302. <p>कंगना उंह उंह उंह हूँ हूँ हूँ हमममम अहह्ह्ह्हह अई अई अई की आवाज निकाल कर चुदवा रही थी। मैंने कंगना की चूत में अपना लौड़ा जड़ तक डाल डाल कर चोदना शुरू किया। मैंने अपना लौड़ा कंगना की चूत से निकाल कर कंगना की गांड़ में डालने लगा।</p>
  303.  
  304.  
  305.  
  306. <p>कंगना की गांड़ में अपना लौंडा डालने की कोशिश नाकाम रह गई। लेकिन बार बार कोशिश करने पर मेरा लौड़ा कंगना की चूत में घुस गया। कंगना की चूत में लौड़ा घुसते ही कंगना की चीख एक बार फिर से निकल गई कंगना जोर जोर से आ आ आ अह्हह्हह ई ई ई ई ई ईई ओह्ह्ह्हह्ह अई अ ई अई अई मम्मी की आवाज निकालने लगी।</p>
  307.  
  308.  
  309.  
  310. <p>मैंने अपना लौड़ा जल्दी जल्दी अपना लौड़ा कंगना की चूत में घुसाने लगा। कंगना की गांड़ चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने कंगना की चूत में अपना लौड़ा घुसा कर चोदने में बहुत मजा का रहा था। मै कंगना की गांड चुदाई बहुत मजे ले लेकर चोद रहा था। मैंने कंगना की गांड़ की चुदाई बहुत तेज कर दी।</p>
  311.  
  312.  
  313.  
  314. <p>कंगना आऊ आऊ हमममम अहह् ह्ह्हह सी सी सी सी हा हा हा की तेज आवाज निकालने लगी मेरी तेज स्पीड होने से मै भी झड़ने की चरम सीमा पर आ गया मैंने कंगना को बताया मै झड़ने वाला हूँ। कंगना ने कहा मेरे मुँह में ही डाल दो। इतना कहते ही मै झड़ने वाला हो गया। कंगना तों कब की झड़ चुकी थी।</p>
  315.  
  316.  
  317.  
  318. <p>मैंने कंगना की गांड़ से अपना लौड़ा निकाल कर कंगना की मुँह में रख दिया। कंगना की मुँह में ही मैंने अपना सारा माल मुठ मार कर गिरा दिया। कंगना मेरा सारा माल पी गई। मैने कंगना की उस दिन खूब चुदाई की। अब तो हर दिन मैं कंगना की चुदाई करता हूँ। कंगना भी अब घर में मालकिन की तरह रहती है।</p>
  319. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_3277" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="3277" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%b9%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b9/">कामवाली की चूत बहुत हसीन है</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  320. ]]></content:encoded>
  321. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%b9%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%b9/feed/</wfw:commentRss>
  322. <slash:comments>0</slash:comments>
  323. </item>
  324. <item>
  325. <title>वॉचमैन को बुलाकर अपनी चूत चुदवाई</title>
  326. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%b5%e0%a5%89%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%88%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4/</link>
  327. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%b5%e0%a5%89%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%88%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4/#respond</comments>
  328. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  329. <pubDate>Mon, 30 Sep 2024 05:31:37 +0000</pubDate>
  330. <category><![CDATA[वॉचमैन (Watchmen)]]></category>
  331. <guid isPermaLink="false">https://www.69kar.com/?p=2172</guid>
  332.  
  333. <description><![CDATA[<p>आज सुभह जल्दी उठ गई थी. सोचा काम करके दुपहर को थोड़ा आराम कर लुंगी. काम करनेही लगी थी तभी कमरेसे पति ने आवाज दिया.</p>
  334. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%b5%e0%a5%89%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%88%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4/">वॉचमैन को बुलाकर अपनी चूत चुदवाई</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  335. ]]></description>
  336. <content:encoded><![CDATA[
  337. <p>आज सुभह जल्दी उठ गई थी. सोचा काम करके दुपहर को थोड़ा आराम कर लुंगी. काम करनेही लगी थी तभी कमरेसे पति ने आवाज दिया. सुहाना मेरा टॉवल लेकर आना. इन्हे तो अपने भी काम ठीक से करने नहीं आते. हर छोटी छोटी बातो के लिए बीवी लगती है.</p>
  338.  
  339.  
  340.  
  341. <p>मेने जाकर टॉवल दिया और वो नहाने चले गए. मेने नास्ता बनाना सुरु किया. थोड़ी देर बाद पति किचेन में आये. मेने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने बदन पर सिर्फ टॉवल लिपटा हुआ था. मेने कहा कपडे तो पहन लो.</p>
  342.  
  343.  
  344.  
  345. <p>तो बोले हां पहन लेता हु इतनी भी क्या जल्दी है. ऐसे कहते हुए मेरे पीछे आकर खड़े हुए और सीधा हात मेरी गांड पर रख दिया. गांड को दबाने लगे और बोले आज क्या बना रही हो. मुझे एहसास हुआ की ये तो आज मूड में है. मेने धीरेसे कहा तुम्हारी पसंदीदा सब्जी, भिंडी बना रही हु.</p>
  346.  
  347.  
  348.  
  349. <p>यहाँ में रोटियों के लिए आटा गुन्दने लगी, पीछे मेरे पति ने मुझे कसकर पकड़लिया और मेरी गर्दन पर चूमने लगे. अहह सीश्ष हहहह.. आह्हः.. चूमते चुनते उनके दोनों हात आगे ले आये और मेरे बड़े बड़े स्तन को दबाने लगे. अहह अहाहा हां अह्हह्ह अहहशश श्श्श…</p>
  350.  
  351.  
  352.  
  353. <p>जैसे ही उन्होंने मेरे स्तन को दबाना सुरु किया, मेरे शरीर की गर्माहट बढ़ने लगी. दोनों हातोंसे स्तन को दबाते हुए वो पिछसे मेरी गांड पे अपना लंड घिसने लगे. मेने मैक्सी पहनी थी. धीरेसे मैक्सी को उठाकर अपना टॉवल निचे गिरा दिया और लंड को मेरी गांड के बिच डाल कसकर पिछेसे पकड़ रखा था.</p>
  354.  
  355.  
  356.  
  357. <p>अहहह अहहहहह अहहहह ः… इसके आगे में कुछ करती. उन्होंने मुझे सीधा अपनी तरफ किया और मुझे होठोंपे चूमने लगे. उमम अम्म्मा अहहहम अहाहा ह्म्म्म मममम.. मेरे मम्मो को दबा दबाकर चुम रहे थे. चूमते चूमते उन्होंने मेरी मैक्सी निकाल दी. मेने ब्रा नहीं पहनी थी, जैसे मेरी चूचिया उन्हको दिखी उन्होंने सीधा मुँह में लेकर चूसना सुरु किया. अहहह.. स्तन को दबा दबाकर मेरी चूचिया चूस रहे थे. अहह अहह हाहाहा हहह.. सषहस हश्श..श्शश.</p>
  358.  
  359.  
  360.  
  361. <p>फिर मुझे उन्होंने निचे बिठाया और अपना लंड मुँह में दे दिया. मेने लंड को अपने हात में पकड़ लिया. मेरे हातोंमे लगा हुआ आटा उनके लंड पे लगा. मेने ऐसे ही लंड को सीधा मुँह में ले लिया और चूसने लगी. अहहह.. लंड काफी बड़ा था. मुँह में लेकर मेने चूसना सुरु किया. अहह अम्माोामम अममम अम्माम्मा अम्म्मा अहःअहम्म्म्म ….. काफी देर लंड चूसने के बाद, उन्होंने मुझे खड़ा किया. मुझे झुका दिया और पिछेसे अपने लंड को चूत में डाल चोदने लगे. अहहह हहहह अहहहह.. स्श्श शशःशशश ष्ष्श… बहोत ही जोर जोर से चोद रहे थे. अहह ाहः हहह हां अहहहह अह्ह्ह्ह अहह.. ष्ष्स ष्ष्श शशशशश….अहहह अहहहह</p>
  362.  
  363.  
  364.  
  365. <p>काफी देर उन्होंने मेरी चूत को रगड़ा और फिर उनका पानी निकलने लगा तो पूरी गांड पे पानी उड़ाकर वो शांत हुए. फिर वो कमरे में चले गए और मेने भी मैक्सी पहन ली और काम में लग गयी.</p>
  366.  
  367.  
  368.  
  369. <p>करीब १० बजे पति घर से नीकल गए. अब वो तो निकाल चुके थे. लेकिन अभी भी मेरी चूत तड़प रही थी. मेरे शरीर की गर्माहट को पति ने पूरा ठंडा नहीं किया था.</p>
  370.  
  371.  
  372.  
  373. <p>मेने कुछ देर तो टीवी देखते हुए बिता दिया. लेकिन अब मुजसे रहा नहीं जा रहा था. चूत काफी परेशान कर रही थी. उसे किसी लंड की जरुरत थी जो आकर चोदे. तभी खिड़की से बहार देखते हुए मुझे निचे वॉचमैन नजर आया. मेरी वॉचमैन से आते जाते हुए बातचीत होती रहती थी. वॉचमैन एक २५ से ३० की उम्र का लड़का था. वो उत्तर प्रदेश से था.</p>
  374.  
  375.  
  376.  
  377. <p>मेने सोचा वैसे भी घरपे कोई नहीं है. इसका फायदा में ले लेती हु. मेने वॉचमन को फोन करके ऊपर बुलाया. वो तुरंत आ गया. मेने उसे कहा थोड़ी मदत चाहिए. अंदर एक डिब्बा ऊपर रखा है उसे निचे उतरना है.</p>
  378.  
  379.  
  380.  
  381. <p>मेने जानबूझकर पतले कपडे की मैक्सी पहनी थी. और उसे ऊपर उठाकर कमर पर बांध रखा था जिससे वॉचमैन को मेरी गोरी गोरी जांघ दिखे. अंदर की ब्रा और निक्कर भी निकाल दी थी. जिस वजसे मेरे निप्पल दिखे.</p>
  382.  
  383.  
  384.  
  385. <p>हम दोनों अंदर के कमरे में आये. वॉचमैन को ऊपर का डिब्बा मेने दिखाया. उसने तुरंत सामने रखा टेबल लिया और वो ऊपर चढ़ गया. वो जब टेबल पर खड़ा था. मेने जानबूझकर उसकी जांघ पे हात लगाया और उसे पकड़ने का नाटक किया. मेरा कोमल हात उसकी जांघ पर घुमा रही थी.</p>
  386.  
  387.  
  388.  
  389. <p>वॉचमैन को भी वो अच्छा लगने लगा. इसलिए उसने जानबूझकर डिब्बा निचे लेने में और वक्त लगाया. फिर उसने मुझे डिब्बा निचे दिया. और वो उतर गया. जैसे वो उतरा, में मुड़कर दीबे को निचे रखने लगी और मेरी गांड को दिखाने लगी. मेने सोचा मेरी बड़ी गांड देख शायद वॉचमन उत्तेजित हो जाये.</p>
  390.  
  391.  
  392.  
  393. <p>में जानबूझकर ऐसे ही झुककर खड़ी थी. तभी अचानक मेरी गांड पे वॉचमैन ने अपना हात रखा. और कहने लगा, भाभीजी सबकुछ ठीक है ना. यही डिब्बा था ना. और ऐसे कहते हुए वो मेरी गांड को दबाने लगा. मेने उसे रोका नहीं और ऐसे ही खड़ी रही.</p>
  394.  
  395.  
  396.  
  397. <p>फिर वॉचमैन ने मुझे पिछेसे पकड़ लिया. में चौक गई और खड़ी हुई. तो उसने मुझे पिछेसे जकड कर कहा. भाभी जी क्या हुआ. मेंने कहा,.. तुम क्या कर रहे हो. वो बोला कुछ नहीं भाभी… जी.. आप बहोत ही खूबसूरत हो.</p>
  398.  
  399.  
  400.  
  401. <p>में कुछ आगे कहती, वॉचमन ने सीधा मेरे मम्मो को पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा. अहहह हहह हहह. ष्ष्स ष्शशः हश्श….ष्ष्स… उसने जोर जोर से स्तन को दबाकर मुझे अपनी और खींचा और मेरे होठोंपे चूमने लगा. अहह यह ष्ष्स षष्ष… इतने जोर से दबा रहा था की में चीखने लगी. अहहहहहहहह अहहह. अहहहह ाहः.. ष्ष्स ष्शशश. अहहह.</p>
  402.  
  403.  
  404.  
  405. <p>होठोंको चूमते हुए मेरी मैक्सी को ऊपर उठाकर निकाल दिया. मेने अंदर कुछ भी नहीं पहना था. एक ही झटके में पूरी नंगी हो गयी. जैसे मेरे मम्मे बाहर निकले, वॉचमन ने मेरी चूचियों को चूसना सुरु किया. अहह अहह हां अहहहहह अहाहा. जोर जोर से मम्मो को दबाकर चूस रहा था. कसकर मुझे गलेसे लगाकर मेरी गांड दबाने लगा. अहह अह्हह्ह्ह्ह अहःअहः हहहह ….</p>
  406.  
  407.  
  408.  
  409. <p>फिर उसने अपने कपडे उतार दिए और मुझे वही जमीन पर लिटा दिया. जमीन पर लिटा के सीधा मेरी चूत को चाटने लगा. अहहह.. जीभ को चूत में डाल वॉचमन चाट रहा था. मेरे चूत के दाने को चाटने लगा..</p>
  410.  
  411.  
  412.  
  413. <p>अहाहा हहह हहहह.<br>अहाहा,मआउआमाममा ममममम<br>मममममममम</p>
  414.  
  415.  
  416.  
  417. <p>काफी देर चूत को चाटने के बाद, उसने मुझे उठाकर बिठाया और अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया. मेने तुरंत उसका लंड लिया मुँह में और चूसने लगी. अम्म्मा ामममम ोामम्मा अहहहमाम्मा मम्मा… काफी बड़ा था वॉचमन का लंड. अहहह ः हहहहहा अहहहहह अहहहहहह.. बहोत ही मजा आ रहा था. अहाहा ः</p>
  418.  
  419.  
  420.  
  421. <p>चूस चूस के लंड को गिला किया. फिर मुझे लिटा कर वॉचमन ने मुझे चोदना सुरु किया. अहह ाहः हाहाहा हहह अहहहहहहह.. मेरे ऊपर सो कर लंड निचेसे चूत के अंदर तक डाल रहा था. अहहह हाहाहा ाःहाहा… काफी जोश में चोद रहा था. अहहह हाहाहाहा हहह अहःअहः ः….</p>
  422.  
  423.  
  424.  
  425. <p>काफी देर चोदने के बाद जब पानी निकलने वाला था. तो उसने मुजसे पूछा कहा डालू पानी. मेने तुरंत कहा बाहर डालो. तो उसने लंड को बाहर खींचा और हिलाते हुए मेरे पुरे शरीर पर लंड का पानी उड़ा दिया.</p>
  426.  
  427.  
  428.  
  429. <p>अहहह हहह.ा.हहहहह.. पुरे शरीर पर वॉचमन का सफ़ेद रंग का पानी फैला हुआ था. फिर उसने उठकर अपने कपडे पहन लिए. मेने भी मैक्सी पहनली और वो चला गया.</p>
  430.  
  431.  
  432.  
  433. <p>उस दिन जो वॉचमन के साथ मजा मिला वो पति के साथ भी नहीं मिला था. एक ही दिन में दो लंड के साथ चुदवानेमें बड़ा मजा आया.</p>
  434. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_2172" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="2172" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%b5%e0%a5%89%e0%a4%9a%e0%a4%ae%e0%a5%88%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ac%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4/">वॉचमैन को बुलाकर अपनी चूत चुदवाई</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  435. ]]></content:encoded>
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  438. </item>
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  440. <title>बेटे के लंड से किया चुत को ठंडा</title>
  441. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a0/</link>
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  443. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  444. <pubDate>Sun, 22 Sep 2024 09:21:22 +0000</pubDate>
  445. <category><![CDATA[माँ (Mother)]]></category>
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  447.  
  448. <description><![CDATA[<p>जीवन में कई बार ऐसी कठिनायोसे गुजरना पड़ता है जहा आपको समज नहीं आता की आप किस रस्ते पे चलना चाहिए और जीवन में आगे</p>
  449. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a0/">बेटे के लंड से किया चुत को ठंडा</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  450. ]]></description>
  451. <content:encoded><![CDATA[
  452. <p>जीवन में कई बार ऐसी कठिनायोसे गुजरना पड़ता है जहा आपको समज नहीं आता की आप किस रस्ते पे चलना चाहिए और जीवन में आगे क्या करना चाहिए.</p>
  453.  
  454.  
  455.  
  456. <p>मेरा भी जीवन ऐसे ही मोड़ पे आ चूका था. करीब ६ महीने हुए है मुझे अपने पति से अलग होकर. हमारा तलाक हो चूका है. अभी भी कोर्ट से फैसला आना बाकि है.</p>
  457.  
  458.  
  459.  
  460. <p>मेरा एक बेट है. जिसकी उम्र अभी करीब २० साल है. उसका नाम मनोज है. उसे हमने पढ़ने के लिए हॉस्टल में भेजा था. करीब ३ साल वहा रहने के बाद अभी वो वापस आ गया है और मेरे साथ ही रहता है.</p>
  461.  
  462.  
  463.  
  464. <p>अभी आगे का परिवार हम दोनों को ही संभालना है. क्यूंकि अब उसके पिताजीने तो दूसरी शादी करने का फैसला किया है. वो अपने जीवन में कुश है. अब हम अपने जीवन में भी ख़ुशी और वही सुख को लाना पड़ेगा.</p>
  465.  
  466.  
  467.  
  468. <p>कुछ ही दिन हुए थे मनोज को वापस आकर. अभी भी हमारे बिच थोड़ा सा अंतर दिखाई देता था. क्यूंकि बहार रहने की वजसे मनोज के विचार भी बदल गए थे. हमारी सिर्फ काम की बाते होती थी.</p>
  469.  
  470.  
  471.  
  472. <p>सभी ठीक चल रहा था. तभी दो दिन बाद मुझे अपने चाचा का फोन आया. उन्होंने मुझे याद दिलाया की हमारी एक जमीन खरदी थी जो के मेरे नाम पर थी ऐसे ही पड़ी हुई है. चाचा ने कहा की बार बार उस शहर में जाना तो होगा नहीं. इससे अच्छा है, उस जमीन को बेच दो. और जो पैसे आएंगे उसे फिक्स डिपॉजिट में रख दो.</p>
  473.  
  474.  
  475.  
  476. <p>मुझे भी वो ख्याल अच्छा लगा. मेने तुरंत जाने का फैसला किया. ट्रेन की टिकट ले आयी. कुछ दिन बाद में और मनोज दोनों ट्रेन से जा रहे थे. ट्रेन में काफी भीड़ थी. ६ घंटे का सफर था. भीड़ के कारन बहोत से ऐसे मौके भी आये जब मुझे मनोज के करीब रहना पड़ा. कभी वो मुझे पिछेसे पकड़ रहा था. तो कभी में खुद उसके पास जाकर चिपक कर खडी हो जाती थी. ट्रैन से उतरते समय तो मनोज मुझे पिछेसे कसकर पकड़कर खडा था.</p>
  477.  
  478.  
  479.  
  480. <p>वैसे तो वो मेरा बेटा था, लेकिन एक मर्द के शरीर का होनेवाला स्पर्श मुझे अच्छा लगने लगा. मनोज मुझे उस भीड़ में काफी संभालकर बहार ले आया.</p>
  481.  
  482.  
  483.  
  484. <p>हम किसी तरह शहर में पहोच गए. पैसे की कमी थी इसलिए एक छोटासा कमरा होटल में ले लिया था. जैसे हम कमरे में पहोचे पहले तो हम दोनों ने नाहा लिया.</p>
  485.  
  486.  
  487.  
  488. <p>में नहाकर अपने बाल खिड़की से बहार देखकर बना रही थी तभी अचानक मेरी नजर पीछे खड़े मनोज पर पड़ी. वो अभी अभी नहाकर निकला था. उसने सिर्फ छोटी पैंट पहनी थी. अपने छाती पर टॉवल रगड़कर बदन पोछ रहा था. उसकी आँखोमे मुझे अजीब सी गहराई दिखी. वो अपनी नजर छुपाके मेरे बदन को देख रहा था.</p>
  489.  
  490.  
  491.  
  492. <p>हमने थोड़ी देर बाद नास्ता किया और निकल पड़े एक आदमी से मिलने जो हमारी जमीन खरीदने में इक्षुक था. जब गाड़ी में बैठे थे, तभी मनोज अपना सर मेरे सिर पर रखकर सो गया. मेने भी उसका हात पकड़कर अपने नजदीक ले लिया. पुरे रास्ते मनोज से करीब रहकर जो आनंद मन को मिल रहा था. ऐसा अनंदा कभी पहले नहीं मिला.</p>
  493.  
  494.  
  495.  
  496. <p>बड़ी मुश्किल से खरीदार जगा खरीदने के लिए राजी हुआ. खरीद दार ने आधी रक्कम चेक से दे दी. बाकि कागजाद बनाने के बाद दे देगा ऐसे उसने कहा.<br>&nbsp;<br>फिर में और मनोज वापस हमारे होटल की और निकल पड़े. काफी थके हुए थे तो खाना खाकर सो गए. मुझे इतनी गहरी नींद लगी के सीधा शामको ६ बजे नींद खुली.</p>
  497.  
  498.  
  499.  
  500. <p>लेकिन जब में उठी. जो मेने महसूस किया वो देख में चौक गई. मनोज ने मुझे कसकर पिछेसे पकड़ रखा था. और पिछेसे पॅन्ट के अंदर मनोज का तनाहुआ लंड मेरी गांड पे कसकर दबाके रखा था. मनोज अभी भी गहरी नींद में था. में जैसे धीरेसे दूर हुई, पहले तो मेने उसके लंड की तरफ देखा. छोटी पैंट के अंदर लंड का आकर काफी बड़ा दिख रहा था. देखकर ऐसे लग रहा था जैसे मनोज ने अंदर कुछ पहना नहीं है.</p>
  501.  
  502.  
  503.  
  504. <p>मेने सोचा मनोज गहरी नींद में है. तो मेने धीरेसे पैंट के ऊपर से मनोज के लंड को हात लगाकर देखा तो पता चला सच में मनोज ने अंदर कुछ नहीं पहना है. मुझे लंड खुला खुला महसूस होने लगा.</p>
  505.  
  506.  
  507.  
  508. <p>लेकिन जैसे मेने लंड को पकडनेकी कोशिश की, मनोज करवटे बदलने लगा. में डर गई और सीधा उठकर बेड से निचे उतर गई.</p>
  509.  
  510.  
  511.  
  512. <p>उस शाम मेरा शरीर मनोज की तरफ आकर्षित हो रहा था. हम खाना खाने के लिए जब निचे आये. दोनों भी ज्यादा बात नहीं कर रहे थे. दोनों की नजर एक दूसरे के शरीर पर थी. में अपने ही बेटे के लंड की तरफ आकर्षित होने लगी. बार बार मेरी नजर उसके उभरे हुए पैंट की तरफ जा रही थी.</p>
  513.  
  514.  
  515.  
  516. <p>आस पास बैठे लोगो के सामने तो हम माँ बेटे का नाटक कर रहे थे. लेकिन अंदर ही अंदर दोनों के दिल जोर जोर से धड़क रहे थे. आज रात को क्या होगा इसी बात का ख्याल दोनों के मन में चल रहा था.</p>
  517.  
  518.  
  519.  
  520. <p>मुझे तो ज्यादा भूक नहीं थी. तो जल्दी खाना खाकर हम दोनों कमरेमे आगये. तुरंत सोने के तैयारी की और जैसे ही मनोज ने लाइट बंद की. मेरे शरीर की गर्माहट बढ़ने लगी. मनोज लाइट बंद कर मेरे पास आकर सोया. कमरे में काफी अँधेरा था. खिड़की से थोड़ी रौशनी आ रही थी.</p>
  521.  
  522.  
  523.  
  524. <p>कुछ देर की शांति के बाद अचानक से मनोज ने मेरी कमर पर हात रखा. मेरी धड़कने बढ़ने लगी. वो मेरे कमर पे हात घुमाने लगा. धीरे धीरे उसका हात मेरे पीठ पर आ गया. मेरे पतले कपड़ो के ड्रेस पर हात जैसे रखा, में तो डर के मारे पानी पानी हो गयी.</p>
  525.  
  526.  
  527.  
  528. <p>मेरे शरीर की गर्मी बढ़ने लगी. मुँह से सिसकनेकी आवाज निकलने लगी. अहह यह. स्श्श हहश हश्श. ाहः हहह … मेरी आवाज सुन मनोज और उत्तेजित हो गया. उसने सीधा मुझे पिछेसे जकड लिया और अपना लंड मेरी गांड पे घिसते हुए एक हात आगे की और लेकर मेरे स्तन को जोर जोर से दबाने लगा.</p>
  529.  
  530.  
  531.  
  532. <p>अहह हहहह हहहहहह.. किसी मर्द का हात स्तन पर महसूस करना कितना आनंदमय अनुभव होता है. मेरी आत्मा अपने ही बेटे के शरीर के सहवास से गदगद हो गई.</p>
  533.  
  534.  
  535.  
  536. <p>मनोज ने जैसे देखा में भी आनंद लेने लगी हु. उसने मुझे अपनी तरफ खिच लिया और बिना कुछ सोचे मेरे होठोंपे अपने होठ रख दिए और चूमने लगा. अहह अहह अहःअहः अह्ह्ह्ह….. मनोज मेरे ऊपर आकर सो गया और होठोंको चूमने लगा. अहहह अहहहहह.. एक हात से मेरे मम्मो को जोर जोर से दबाकर आनंद ले रहा था.</p>
  537.  
  538.  
  539.  
  540. <p>मेने भी मनोज को कसकर जकड लिया. काफी देर बाद होठोंसे अपना मुँह खिसकाकर मनोज मेरी गर्दन चूमने लगा. चूमने चूमते स्तन की और जाने लगा. दोनों हतोसे मेरे स्तन दबाकर आनंद लेने लगा. उसके हात मानो मेरे स्तन पर चीपक &nbsp;गए थे. दोनों हातोसे मेरे दूध से भरे स्तन को दबा रहा था.</p>
  541.  
  542.  
  543.  
  544. <p>फिर दबाते हुए वो निचे किसका और उसने मेरी मैक्सी ऊपर कर दी. मेरे मम्मो को देख वो मानो पागल सा हो गया. ब्रा के ऊपर से मम्मो को जोर जोर से दबाने लगा. मेने उसके आखो में बढ़ी हुई हवस देखि. मेने अपने ब्रा को उतारा और मम्मो को खुला छोड दिया. जैसे ही मेरे चुचे उसने देखे, वो सीधा उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगा. अहहहहः हहहहह… मनोज दोनों हातोंसे मम्मो को दबा रहा था. जोर जोर से दबाकर आनंद ले रहा था. क्या करे और क्या नहीं ऐसी हालत में वो मम्मो को दबाते हुए पागल सा हो गया था. अहहहाहा हहहहाःहाहा.. मनोज ने दोनों चूचिया दबा दबाकर चूस ली.</p>
  545.  
  546.  
  547.  
  548. <p>फिर निचे की और फिसला और मेरे नाभि पर जीभ घुमाने लगा. अहहह अहहह आह्हः..अहहहह.. इस वक्त मेरे शरीर में मानो बिजली दौड़ने लगी थी. मेरी नाभि को चाटकर जैसे वो निचे खिसका, उसने मेरी गोरी गोरी जांघ देख ली.</p>
  549.  
  550.  
  551.  
  552. <p>जंग पे हात घूमते हुए उसे चूमने लगा, मनोज अब मेरी चुत से कुछ ही दूर था. मेरी टांगे अपने आप खुलने लगी. मानो मेरी चुत खुदबखुद मनोज को अंदर आनेका न्योता दे रही हो. मनोज जांघो को चूमते हुए मेरी निक्कर को निचे खींचने लगा. जैसे जैसे निकर निचे जाने लगी, मेरी चुत नाचने लगी. देखते ही देखते मनोज ने मेरी निक्कर निकाल दी.</p>
  553.  
  554.  
  555.  
  556. <p>अहह अहहहहह… मनोज ने चुत को देखतेही जो अपना मुँह मेरी चुत पे रगड़ना सुरु किया. ऐसे लग रहा था काफी दिनों से मेरी चुत को चाटने की इच्छा मन में ले घूम रहा था. मेरी चुत पे पानी जीभ घूमाते हुए ऊँगली को अंदर डाल दिया. ऊँगली अंदर बहार कर जोर जोर से चाटने लगा.</p>
  557.  
  558.  
  559.  
  560. <p>अहहह अहहहहह हहहहह..आ.अहहह अहहहहह.. इसी अनुभव के लिए तो में मरी जा रही थी. आदमी से चुत को चटवानेका जो मजा है वो किसी में भी नहीं. मनोज की जीभ चुत में अंदर बहार होकर घिस रही थी. अहह यह अहह हहहह….</p>
  561.  
  562.  
  563.  
  564. <p>काफी देर तक चुत को चाटने के बाद मनोज पीछे हटा उसने मुझे हात पकड़कर उठाया मेरी मैक्सी उतर दी. और मुझे पूरा नंगा कर दिया. फिर वो मेरे सामने बेड पर खड़े होकर अपने कपडे निकालने लगा. में बैठे बैठे अपने ही बेटे को नंगा होते हुए देख रही थी. मनोज ने अपनी टीशर्ट निकाली और फिर पैंट और अंडरवेर उतार दिर.</p>
  565.  
  566.  
  567.  
  568. <p>जैसे ही मनोज का लंबासा लंड मेरे सामने आया, मेरे मुँह से पानी आने लगा. मनोज का लंड काफी तनाहुआ था. मनोज मेरे मुँह के सामने घुटनो के बल बैठा और उसने सीधा अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया. अहहह अहहह… मुँह में लंड आते ही में मानो पागल हो गयी.</p>
  569.  
  570.  
  571.  
  572. <p>मेने मनोज के लंड को मुट्टी में कसकर पकड़ा और हिलाते हुए चूसने लगी. अहह अहहह. अम्म्ममममम अमममम आमम अहहहह अहह….अहहह ,ममम.. बहोत दिन बाद आज लंड चूसने को मिला था. बहोत ही आनंद मिल रहा था. मेने मनोज के लंड को पूरा अंदर ले लिया और अंदर बाहर करने लगी. पुरे लंड पे जीभ घुमाकर चूस रही थी. अहहह अह्ह्ह उम्म्म अमममम आममामा मममम उमूमम …. लंड को चूसते हुए मनोज के गोटे दबा रही थी….</p>
  573.  
  574.  
  575.  
  576. <p>काफी देर लंड को चूसने के बाद, फिर मनोज ने मुझे पीछे सुला दिया. और मेरे पैर फैलाकर मेरी चुत में अपना लंड घुसेड़ दिया. लंड जैसे अंदर जाने लगा, मुझे लंड की गर्माहट चुत में मह्सुश हो रही थी. ऐसे लगरहा था मानो बडीसी लकड़ी चुत में जा रही है. चुत के अंदर लंड घुसेड़ कर मनोज मेरे ऊपर सो गया और जोर जोर से चोदने लगा. अहह अहहह अहहहह हहहहहह…….</p>
  577.  
  578.  
  579.  
  580. <p>अहह मम.. बेटा.. धीरेसे अहहह अहहह हाहाहा…. मनोज पुरे जोश से मुझे चोद रहा था. लंड ने चुत को पूरा गिला कर दिया.</p>
  581.  
  582.  
  583.  
  584. <p>अहह आह्हः.. माँ अहह हां अहह हहह हाहाहा…बहोत ही मजी हुई चुत हे तुम्हारी. अहह अहा.. अहः.. कबसे तुम्हारी चुत को चोदना चाहता था. आज मिल ही गई तुम. अहह हहहह अहहह हाहाहा….</p>
  585.  
  586.  
  587.  
  588. <p>चुत को काफी देर चोदने के बाद जब लंड बाहर निकला, मनोज का लंड चुत के पानी से गिला हो चूका था. लंड से गिरती हुई पानी की बुँदे देख पता चल रहा था की लंड काफी अंदर तक गया था.</p>
  589.  
  590.  
  591.  
  592. <p>फिर मनोज ने मुझे पलटकर सुला दिया. में जैसे पलटकर सो गयी, मनोज मेरी पीठ पर टूट पड़ा. मेरे ऊपर सो कर मेरी पीठ को चूमने लगा. अहह अहहहहह.. निचे उसका खड़ा लंड मेरे गांड की बिच की दरार में घिस रहा था. मनोज पीठ को चुनते हुए निचे निचे जाने लगा. जैसे वो गांड पे पोहचा, मेरी गांड में मुँह डालकर चाटने लगा. दोनों हातोंसे गांड को दबा रहा था.</p>
  593.  
  594.  
  595.  
  596. <p>काफी देर गांड से खेलने के बाद मनोज ने मुझे घोड़ी बनाया और पिचेसे मेरी कमर को पकड़कर जो उसने लंड को चुत के अंदर डाला, फिर वो रुका नहीं. जोर जोर से धक्के देकर मेरी चुत को रगड़ने लगा. अहह अहह. हहह अहःअहः.. माँ अहहहह अहःअहः…… बहोत सही चुत है तुम्हारी माँ अहह अहह हहहहहहा..आह्हः हहहह</p>
  597.  
  598.  
  599.  
  600. <p>यहाँ मेरी भी हवस की सिमा नहीं रही. में भी चिल्लाने लगी. अहहह अहहअहह बेटा चोद मुझे अहहह हहहह अहहहहा… आह्हः अहा आह्हः …… बहोत ही मजा आ रहा था चोदने में. अहह हहह अहहह हाहाहा अहह हहहह.. आज अपनी माँ को स्वर्ग दिखा दे बेटा. अहहह अहहहहह….जोर जोर कुछ देर चोदने के बाद मनोज ने अपना पानी छोड दिया. पूरा पानी उसने मेरी चुत में ही डाल दिया. अहह अहह हाःहाह….</p>
  601.  
  602.  
  603.  
  604. <p>लंड का पानी खतम होते ही. लंड को चुत के बाहर निकाला और मेरी बगल में सो गया. उस दिन हम दोनों ऐसे ही नंगे पूरी रात सोये.</p>
  605.  
  606.  
  607.  
  608. <p>दूसरे दिन जब उठे तो दोनों के मुँह पर कुशिया थी. उस दिन के बाद से हम माँ बेटे जब भी मन करे चोदने का आनंद लेते है. दिन हो या रात. चुदना सुरु रहता है.</p>
  609. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_2166" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="2166" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%a0/">बेटे के लंड से किया चुत को ठंडा</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  610. ]]></content:encoded>
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  613. </item>
  614. <item>
  615. <title>पति ने अपने दोस्त के पास मुझे सुलाया</title>
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  618. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  619. <pubDate>Sun, 25 Aug 2024 16:32:57 +0000</pubDate>
  620. <category><![CDATA[बीवी (Wife)]]></category>
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  622.  
  623. <description><![CDATA[<p>मेरा नाम रश्मि है. मेने अपनी शादी घरवालों के पसंद के लड़के से की थी. मेरे पति इंजीनियर है. इसलिए उन्हें काम के सिलसिले में</p>
  624. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a4%bf-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%81/">पति ने अपने दोस्त के पास मुझे सुलाया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  625. ]]></description>
  626. <content:encoded><![CDATA[
  627. <p>मेरा नाम रश्मि है. मेने अपनी शादी घरवालों के पसंद के लड़के से की थी. मेरे पति इंजीनियर है. इसलिए उन्हें काम के सिलसिले में दूसरे शहर में जाना पड़ता था. कंपनी की तरफ से रहने के लिए घर भी मिलता था. तो मुझे भी उनके साथ रहना पड़ता था.</p>
  628.  
  629.  
  630.  
  631. <p>में एक ही साल में इतने शहर घूम चुकी थी के अब मुझे भी आदत हो गयी थी नयी जगह जाकर रहना. अभी हम आंध्रप्रदेश में रहते थे.</p>
  632.  
  633.  
  634.  
  635. <p>काफी बड़ा मकान मिला था रहने के लिए. में यहाँ पे किसी को जानती नहीं थी तो पूरा दिन घर में ही रहना पड़ता था.</p>
  636.  
  637.  
  638.  
  639. <p>रही बात मेरे पति की तो वो शादी होते ही मेरे से इतना चिपक गए के हर रोज मेरे शरीर से खेलते थे. सुभह ऑफिस जाने के पहले और रातको ऑफिस के आने के बाद, पूरा वक्त मुझे उनको खुश करने में बिताना पड़ता था.</p>
  640.  
  641.  
  642.  
  643. <p>वो मेरे गोरे शरीर का पूरा उपयोग कर लेते थे. मुझे हमेशा तैयार रहना पड़ता था. क्यूंकि पता नहीं कब क्या करने को बोल दे.</p>
  644.  
  645.  
  646.  
  647. <p>एक दिन ऐसे ही सुभह ऑफिस जाने निकले. दरवाजे तक पोहचे ही थे की अचानक मुड़े और मुझे सामने घुटनो पे बिठाया और अपने पैंट की चैन खोल लंड बहार निकाल के मेरे मुँह में अपना लंड दे दिया. और बोले चूस जल्दी देर हो रही है. फिर मुझे पति के लंड को चूस चूस कर उसका पानी निकलना पड़ा. जब पानी निकला तब जाकर उनका मन शांत हुआ और वो फिर काम पे चले गए.</p>
  648.  
  649.  
  650.  
  651. <p>ऐसे ही एक दिन शाम को ऑफिस से घर आये. में रोटियां बना रही थी. सीधा किचन में आकर मेरे पीछे खड़े हुए. मेने उनको कहा की नाहा लीजिये, तो मेरी बात को अनसुना करके मेरे पीछे खड़े हुए और मेरी साड़ी उठाकर मेरी गांड पे हात रख गांड दबाने लगे. गांड दबाते दबाते निक्कर को निचे खींच ली…</p>
  652.  
  653.  
  654.  
  655. <p>फिर गांड पे चुम्मी लेकर फिर मुझे उन्होंने झुका के खड़ा किया. में रोटी के लिए आटा बना रही थी. तभी पीछे से अपना लंड धीरेसे मेरी चुत में धकेला और मेरी कमर पकड़कर मुझे चोदने लगे. में जोर जोर से मुँह से आवाज करने लगे. अहहह हां…जानेमन.. अहहह अहह अहहहहहह… बहोत गरम चुत हे तेरी. अहहहहहह.. लंड इतने जोर से मेरी चुत में अंदर बहार हो रहा था की मुजसे भी रहा नहीं गया और में भी चिल्लाने लगी. अहह अहहह अहहह यह…इसशश श्शश..यह अहहह…</p>
  656.  
  657.  
  658.  
  659. <p>काफी देर मुझे चोदा फिर पानी निकाल कर चले गए. ऐसे ही मुझे पुरे वक्त चोदा करते थे..</p>
  660.  
  661.  
  662.  
  663. <p>एक दिन मुझे रातको पूरा नंगा कर चुम रहे थे. तभी कहने लगे. तुजे एक दिन में अपने दोस्त से चुड़वाउंगा. मुझे वो सुनकर थोड़ा अजीब लगा. वो बोलते रहे की मेरे दोस्त का लंड लेगी न मुँह में. में उनको खुश करने के लिए हां कहते रही. चूमते हुए मेरी चुत को मसल रहे थे.</p>
  664.  
  665.  
  666.  
  667. <p>उस दिन उन्होंने मुझे उनका दोस्त बनकर चोदा. काफी मजा आया चुदने में. ऐसे लग रहा था की कोई अजनबी का लंड में ले रही हु.</p>
  668.  
  669.  
  670.  
  671. <p>फिर कुछ दिन बीत गए..</p>
  672.  
  673.  
  674.  
  675. <p>एक दिन शाम को वो अपने एक दोस्त को अपने घर ले आये. मुझे लगा के खाने पे बुलाया होगा. मुझे इसबारेमे कुछ पता नहीं था. थोड़ी देर बाद मुझे पता चला की दोनों का आज पिने बैठनेका प्लान था.</p>
  676.  
  677.  
  678.  
  679. <p>शाम का खाना पति ने बाहर से मंगवा लिया था. तो मुझे कुछ करना नहीं पड़ा. वो दोनों हॉल में ही पिने बैठ गए. धीरे धीरे रात आगे बढ़ने लगी. करीब १० बजे उनका पीना बंद हुआ और हम सब साथ में ही खाना खाने बैठे.</p>
  680.  
  681.  
  682.  
  683. <p>मेरे पति को भी चढ़ गई थी. खाना खाते समय बार बार मेरी पीठ पर हात लगा रहे थे. तो कभी मेरी जांघ पर हात घिस रहे थे. तो कभी मेरा हात पकड़कर अपने लंड को लगा रहे थे. उनका सामने बैठा दोस्त बार बार मुझे ही घूर रहा था. उसकी नजर मेरे शरीर पर ऊपर से निचे तक घूम रही थी. मेने अपना दुपटा सीधा किया क्यूंकि वो मेरे बड़े मम्मो को ही घूर रहा था.</p>
  684.  
  685.  
  686.  
  687. <p>हमने खाना खा लिया. और में सारे बर्तन को समेट कर अन्दर ले जा रही थी, तभी मेरे पति ने पिछेसे आकर मेरी गांड दबायी. और पीछे से अपना लंड मेरी गांड पे दबाकर मुझे जकड लिया और मेरे स्तन को दबाने लगे. में चौक गयी, क्यूंकि उनका दोस्त पीछे ही सोफे पे बैठा सब देख रहा था. मेने तुरंत उनका हात दूर करनेकी कोशिश की लेकिन वो मेरे मम्मी दबाते रहे.</p>
  688.  
  689.  
  690.  
  691. <p>किसी तरह में बर्तन उठाकर अंदर किचेन में चली गयी. सारे बर्तन रख. में अपने कमरे में सोने चली गयी. मेरे पति और उनका दोस्त बहार बैठे बात कर रहे थे.</p>
  692.  
  693.  
  694.  
  695. <p>कुछ देर बाद कमरे में पति के आने की आहट हुई. लाइट अंदर की बंद थी. में भी चद्दर मुँह पे लेकर सोइ थी. तभी मुझे मह्सुश हुआ की कोई मेरे दाई तरफ सो गया है. मेने सोचा मेरे पति ही होंगे, लेकिन उसके कुछ ही पल बाद, मेरी बाई तरफ भी कोई सोया.</p>
  696.  
  697.  
  698.  
  699. <p>में डर गयी. मेरी धड़कने बढ़ गयी. कुछ समज नहीं आ रहा था. तभी दाई तरफ से एक हात मेरी चद्दर के अंदर आया और उस आदमीने मुझे अपनी तरफ लेकर जकड लिया. मुझे समज आ गया की येतो मेरे पति नहीं है.</p>
  700.  
  701.  
  702.  
  703. <p>ये मेरे पति के दोस्त है. उनके दोस्त ने मुझे करीब लेकर मुझे पकड़ के रखा और मेरी पीठ पर हात घूमने लगे. में चौक गई थी. मेरे पति ने कुछ दिन पहले कहा था की वो मेरे दोस्त से मुझे चुदवाना चाहते है. लगता है वो दिन आज ही है.</p>
  704.  
  705.  
  706.  
  707. <p>में कुछ आगे सोचती उसके पहले पति के दोस्त ने मेरे मुँह से चद्दर निचे उतार दी और वो मेरे मुँह के सामने आ गया. जैसे ही दोनों की आँखे मिली. उनके दोस्त ने सीधा मुझे चूमना सुरु किया. मेरे होठोंपे होठ रख वो मुझे बड़ी बेहरमी से चूमने लगा. में अपने आप को छुड़वाने की कोशिश करने लगी लेकिन वो पीछे हटा नहीं.</p>
  708.  
  709.  
  710.  
  711. <p>बल्कि वो मेरे ऊपर आकर चढ़ गया. और चूमने लगा. होठोंसे होठ लगे हुए थे. तभी मेरी नजर पास में सोये मेरे पति पर पड़ी. उनको देख मुझे दूसरा झटका लगा. मेरे पति पास ही सोये थे और अपना लंड पैंट से बहार निकल कर हात में पकड़ हिला रहे थे. उनके चेहरे पे एक अजीब सी मुस्कराहट थी.</p>
  712.  
  713.  
  714.  
  715. <p>उनको ऐसा देख में समज गई की पति ने पूरा प्लान करके अपने दोस्त को घर बुलाया है. ताकि वो मुझे अपने दोस्त से चुदते हुए देख सखे……..</p>
  716.  
  717.  
  718.  
  719. <p>यहाँ उनका दोस्त मुझे चूमते हुए निचे सरकने लगा. और मेरे मम्मो को दबाने लगा. एक तरफ मेरा खुदका पति मुझे अपने दोस्त के साथ देख खुस हो रहा है. और दूसरी तरफ एक अजनबी आदमी मेरे गोरे बदन पे टूट पड़ा है.</p>
  720.  
  721.  
  722.  
  723. <p>ऐसे माहौल में मेरे शरीर की गर्मी बढ़ने लगी. कुछ देर की असायता अब खुसी में बदलने लगी. जैसे जैसे उनका दोस्त मेरे शरीर पे अपना हात घुमराह था. मेरे निप्पल खड़े होने लगे. मुँह से अहह अहःअहः हहह. की आवाज आने लगी. देखते ही देखते उनके दोस्त ने मेरा कुर्ता उतार दिया.</p>
  724.  
  725.  
  726.  
  727. <p>ब्रा देख वो पागल सा हो गया क्यूंकि मेरे मम्मे ब्रा के ऊपर से बहार निकल रहे थे. उसने तुरंत ब्रा निकाली और मेरे निप्पल को चूसने लगा. अहह हहह.. क्या चल रहा हे मेरे साथ मुझे कुछ समज नहीं आ रहा था. मेने देखा मेरा पति भी अपने कपडे निकाल रहा है.</p>
  728.  
  729.  
  730.  
  731. <p>उनके दोस्त ने मेरे मम्मो को दोनों हातोंसे दबा दबा कर चूस लिया. फिर वो निचे जाने लगा. मेरे पेट पर चुमंते हुए निचे खिसका और मेरी सलवार उसने निकाल दी. अब में सिर्फ मेरी गुलाबी निक्कर पे उसके सामने लेटी हुई थी.</p>
  732.  
  733.  
  734.  
  735. <p>उसने तुरंत अपना टीशर्ट निकला और पैंट उतार कर मेरे चुत पे टूट पड़ा. पहले उसने हातोंसे निक्कर पर सहलाया. मेरी चुत का जायजा लिया और फिर निक्कर को निचे खींच मुझे पूरा नंगा कर दिया. जैसे मेर चुत उसे दिखी, उसने सीधा चुत को चाटना सुरु किया.</p>
  736.  
  737.  
  738.  
  739. <p>पराये मर्द की जीभ चुत पर घिसते हुए जानकर मुझे और उत्तेजना आ गई थी. में पागलोंकी तरह अपने हात बेड पर पटकने लगी. पति का दोस्त बड़े प्यार से मेरी चुत को चाट रहा था. उसके साथ खेल रहा था. कभी चुत की पखड़ियो को चुमंता तो कभी चुत के अंदर जीभ डालकर चुत से निकलने वाला पानी चाट रहा था.</p>
  740.  
  741.  
  742.  
  743. <p>फिर चुत के ऊपर के दाने को जब अपनी जीभ से मसलने लगा, में तीसरे आसमान पर चली गई. मेरे निप्पल खड़े हो गए. में अपने ही मम्मो को दबा दबा कर आनंद ले रही थी. जैसे उसने ऊँगली चुत में डाली, और अंदर बहार घिसने लगा. चुदवाने जैसा मजा आने लगा… चुत इतनी गरम हो चुकी थी की बार बार पानी छोड़ रही थी…. पति का दोस्त वो सारा पानी पि रहा था.</p>
  744.  
  745.  
  746.  
  747. <p>इतनी अछि चुत चाटी के मेने एक बार पानी छोड़ दिया. काफी देर के बाद वो पीछे हटा.</p>
  748.  
  749.  
  750.  
  751. <p>फिर उसने अपनी निकर निकाली और मेरा हात पकड़ कर उसने उठाकर बिठाया. जैसे में बैठी उसने मेरे मुँह के सामने अपना लंड रख दिया. में समज गयी के चूसने के लिए बोल रहा है. मेने तुरंत अपनी मुठी में उसका लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी. लंड काफी लम्बा था. जैसे जैसे में हिलाते जा रही थी. लंड और भी तगड़ा हो रहा था.</p>
  752.  
  753.  
  754.  
  755. <p>पास में मेरा पति बेड पर बैठा मुस्कुरा रहा था. उसका लंड उसके हात में था. वो अपने लंड को प्यार से मसल रहा था. लेकिन अभी तो मुझे पति से ज्यादा सामने दिख रहे लंड से ज्यादा मतलब था.</p>
  756.  
  757.  
  758.  
  759. <p>मेने उनके दोस्त का लंड कुछ देर हिलाया और फिर मुँह में ले लिया. आज लंड को चूसने में बहोत ही मजा आ रहा था. हिलाते हिलाते मेने खुद लंड को जितना अंदर हो सके अंदर ले चूसने लगी. मुँह में लेकर अंदर बहार करने लगी. लंड के गुलाबी भाग पे अपनी जीभ घुमाते हुए चाटने लगी.</p>
  760.  
  761.  
  762.  
  763. <p>लंड चूसते हुए शरीर में एक अजीब सी गर्माहट महसूस हो रही थी. लंड को हिला हिला कर मेने काफी देर तक चूसा. फिर वो मुझे चोदने के लिए तैयार हो चूका था. उसने मुझे तुरंत पीछे सुलाया और मेरे पैर फैलाकर मेरी चुत में लंड घुसेड़ दिया. जोर से लंड को चुत में डाला और मेरे ऊपर सो कर मुझे चोदने लगा.</p>
  764.  
  765.  
  766.  
  767. <p>अहह अहह हाहाहा…. में जोर जोर से चिल्लाने लगी. उसका लंड पूरा अंदर तर चुत में जा रहा था. चुत और लंड के टकराव से चुत बहोत ही गरम हो चुकी थी. अहह अहह.. बहोत मजा आने लगा. अहहहहहह…..</p>
  768.  
  769.  
  770.  
  771. <p>काफी देर चुत को चोद के उनका दोस्त पीछे हटा. फिर उसने मेरे ऊपर अपने पैर डाले और ६९ की पोजीशन में अपना लंड मेरे मुँह में डाला और निचे वो मेरी चुत को चाटने लगा. अहहह हहहह…</p>
  772.  
  773.  
  774.  
  775. <p>यहाँ में अभी अभी चुत से बहार निकला चिप चिपा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. अहह अहहहह अहहहहह आह्हः अहहह… दोनों भी एक दूसरे को आनंद दे रहे थे.</p>
  776.  
  777.  
  778.  
  779. <p>फिर देर तक चुत को चाटने के बाद, पति का दोस्त उठा और मुझे भी उठाकर बेड के पास खड़ा कर दिया. में झुक के खड़ी थी तभी पिछेसे उसने मेरी गांड को दबाना सुरु किया. पीछे निचे बैठ गया और मेरी गांड को चाटने लगा. जीभ को गांड की दरार में डाल चाट रहा था. पूरी गांड को कुछ देर चाट कर उसने गिला कर दिया.</p>
  780.  
  781.  
  782.  
  783. <p>फिर खड़े होकर उसने मेरे चुत में लंड फिरसे डाला. धक्के देते हुए लंड को वो अंदर चुत में धकेलने लगा. धीरे धीरे लंड पूरा अंदर चला गया फिर वो जोर जोर से चोदने लगा…. इतनी जोर से चोद रहा था की मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.</p>
  784.  
  785.  
  786.  
  787. <p>सामने देख रहे मेरे पति ने तुरंत मौके का फायदा लिया. वो बेड पर आकर मेरे बैठे और सीधा मेरे मुँह में अपना लंड दे दिया. में उनका लंड चूसने लगी… पीछे से उनका दोस्त मुझे चोद रहा था. और आगे से मेरा पति मेरा मुँह चोदने लगा. दोनो भी एक सात मुझे चोदने लगे. अहहहहहह…</p>
  788.  
  789.  
  790.  
  791. <p>न में चिल्ला पा रही थी. न मुझे वो दोनों हिलने दे रहे थे. अहह अहहहहहह अहहहहह अह्हह्ह्ह्ह……</p>
  792.  
  793.  
  794.  
  795. <p>काफी देर ये खेल चला फिर जब पानी निकालने की बारी आयी.. तो पति ने पहले अपने लंड से पानी छोड़ा जो सीधा मेरे गले में चला गया. गरम गरम पानी मेरे मुँह में भर गया. कुछ मुँह से गिरने लगा. आज काफी पानी निकला लंड से..</p>
  796.  
  797.  
  798.  
  799. <p>कुछ ही देर बाद, पति के दोस्त ने भी अपना लंड चुत से खीचा बहार और तुरंत मुझे घुमाकर निचे बिठाया और अपना लंड मेरे मुँह के सामने रख दिया. मेने भी अपना मुँह खोला और लंड के पानी को मुँह में आने दिया. जोर से पानी की बौछार लंड से निकाली और सीधा मेरे मुँह पे आ गिरी…. कुछ मुँह में चला गया तो कुछ गलो पे, गले पे, मम्मो पे पानी फ़ैल गया. मेने उसका पानी भी पि लिया….</p>
  800.  
  801.  
  802.  
  803. <p>फिर वो शांत हुआ… में उठकर बाथरूम में चली गयी और अपने मुँह को धो लिया.</p>
  804.  
  805.  
  806.  
  807. <p>वापस आयी तो देखा दोनों भी नंगे बेड पर सोये थे. में बिच में जाकर ऐसे ही नंगी सो गयी.</p>
  808.  
  809.  
  810.  
  811. <p>पूरी रात दोनों मुझे चिपक कर सोये थे.</p>
  812.  
  813.  
  814.  
  815. <p>उस दिन के बाद मेरे पति पर मुझे और भी ज्यादा प्यार आने लगा. क्यूंकि उनके वजसे मुझे नए नए अनुभव मिलने लगे.</p>
  816. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_2152" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="2152" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a4%bf-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%81/">पति ने अपने दोस्त के पास मुझे सुलाया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  817. ]]></content:encoded>
  818. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a4%bf-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%81/feed/</wfw:commentRss>
  819. <slash:comments>1</slash:comments>
  820. </item>
  821. <item>
  822. <title>मेरे ही बेटे ने मुझे फिर से जवानी का आनंद दिया</title>
  823. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87/</link>
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  825. <dc:creator><![CDATA[Ravi Gupta]]></dc:creator>
  826. <pubDate>Sun, 25 Aug 2024 05:50:11 +0000</pubDate>
  827. <category><![CDATA[माँ (Mother)]]></category>
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  829.  
  830. <description><![CDATA[<p>मेरा नाम कविता है. मेरा २२ साल का एक बेटा है. कुछ दिनों पहले मेरे पति ने ऑफिस से घर आतेहि कहा की इस शुक्रवार</p>
  831. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87/">मेरे ही बेटे ने मुझे फिर से जवानी का आनंद दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  832. ]]></description>
  833. <content:encoded><![CDATA[
  834. <p>मेरा नाम कविता है. मेरा २२ साल का एक बेटा है. कुछ दिनों पहले मेरे पति ने ऑफिस से घर आतेहि कहा की इस शुक्रवार को हम झरने को देखने चलते है. बारिश का मौसम था. काफी दिनों से लगातार बारिश हो रही थी.</p>
  835.  
  836.  
  837.  
  838. <p>इस वक्त पहाडोपे काफी जगह पानी के झरने बन गए थे. बहोत सारे लोग उस झरनोमे नहाने के लिए जा रहे थे. तो जैसे ही पति ने कहा की हम भी चलते है, तो में बहोत कुछ हो गयी. काफी दिनों से बहार कही घूमने नहीं गए थे.</p>
  839.  
  840.  
  841.  
  842. <p>मेने दूसरे दिन जाने की सारी तैयारियां कर ली. मेरा बेटा अनुज भी हमारे साथ आने वाला था. शुक्रवार की सुभह का दिन था. हम अपनी गाड़ी से निकल पड़े. रात भर बारिश गिरी थी. बहार सुहाना मौसम था. ठंडी ठंडी हवा चल रही थी. करीब ४ घंटे का रास्ता था. हम मौसम का पूरा लुप्त उठाते हुए, रस्ते में आने वाले ढाबे पे नास्ता करते हुए आगे बढ़ रहे थे.</p>
  843.  
  844.  
  845.  
  846. <p>करीब ४ घंटे बाद हम पहाड़ो में पहोचे. जिस होटल में हम रुकने वाले थे वो पहाड़ के ऊपर बसा हुआ था. गाड़ी पहाड़ के ऊपर तक ले आये.</p>
  847.  
  848.  
  849.  
  850. <p>जब होटल के पास हम पोहचे, में बहार का नजारा देख चौक पड़ी. उचे उचे पहाड़ो के बिच वो होटल बसा हुआ था. एक छोटेसे गांव की तरह माहौल था. कुछ दुकाने, गलिया, होटल और बहार से आये लोग घूमते हुए दिख रहे थे.</p>
  851.  
  852.  
  853.  
  854. <p>हमने तुरंत जाकर होटल में अपना सामान रखा. एक ही कमरा हमने लिया था जिसमे एक बड़ा बेड था और बड़ा सोफा था. दो ही दिन की बात थी तो हमने सोचा ज्यादा पैसे क्यों खर्च करे.</p>
  855.  
  856.  
  857.  
  858. <p>कुछ देर आराम करने के बाद करीब ११ बजे हम होटल से निकले. झरना होटल से कुछ दुरी पर था. वह गाड़ी नहीं ले जा सकते थे. तो वहा की ऑटो रिक्शा में हम चल पड़े.</p>
  859.  
  860.  
  861.  
  862. <p>करीब २५ मिनिट बाद हम झरने के पास पोहचे. जैसे में ऑटो से उतरी मेने देखा सामने पहाड़ से झरना बह रहा था. काफी परिवार थे जो झरने में नाहा रहे थे. उस सुहाने दृश्य को देख मेरा मन बाग बाग हो गया.</p>
  863.  
  864.  
  865.  
  866. <p>में मेरे पति और अनुज हम भी तीनो झरने के पानी में नहाने के लिए उतरे. पानी थोड़ा ठंडा था. लेकिन काफी साफ था. कोई पानी में छलांग मार रहा था, तो कोई पानी के अंदर जाकर तैर रहा था. हम तीनो भी मौज करने लगे.</p>
  867.  
  868.  
  869.  
  870. <p>अब तक तो सब ठीक चल रहा था. लेकिन अचानक सब कुछ बदलने लगा. में पानी के अंदर खड़ी थी तभी पानी के निचे से किसी ने मेरी गांड पे हात लगाया. मेने पीछे मूड के देखा तो अनुज और आसपास बहोत सारे और भी लड़के थे. भीड़ ज्यादा होने की वजे से में समज नहीं पाई की किसने मेरी गांड पे हात लगाया.</p>
  871.  
  872.  
  873.  
  874. <p>मेने सोचा जाने दो और फिर से पानी में नहाने लगी. इस बार उस बंधे ने पानी के निचे से फिर से गांड पे हात लगाया. इस बार वो बहोत ही प्यार से मेरी गांड पे हात घुमा रहा था और गांड दबा रहा था.</p>
  875.  
  876.  
  877.  
  878. <p>में कुछ देर ऐसे ही बिना कुछ कहे खड़ी रही और उसे मेरी गांड से खेलने दिया. वो जो भी कोई था बड़ी प्यार से मेरी गांड दबा रहा था.</p>
  879.  
  880.  
  881.  
  882. <p>तभी अचानक से सामने एक लड़की की चिल्लाने की आवाज सुनाई दी. सारी भीड़ सामने देखने लगी. वह पे कुछ लड़के एक परिवार की लड़की को छेड़ ने की कोशिश कर रहे थे. भीड़ की नजर सामने थी, हम सब भी वह देखने लगे. तभी पीछे खड़ा अनुज मेरे करीब आया और मेरे कंधो पे हात रख खड़ा हुआ.</p>
  883.  
  884.  
  885.  
  886. <p>अब वो मेरा बेटा ही है तो मेने कुछ कहा नहीं. लेकिन थोड़ी देर बढ़ मुझे अपनी गांड पे कुछ लंबी चीज चुबने लगी. पहले तो मुझे समज नहीं आया की वो चीज क्या है. लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे समज आया की वो और कुछ नहीं, अनुज का तना हुआ लंड है.</p>
  887.  
  888.  
  889.  
  890. <p>अनुज अपना लंड मेरी गांड पे दबा रहा था. में थोड़ी चौक गई. लेकिन ज्यादा कुछ कर नहीं पायी. जब तक सारे लोग सामने की लड़ाई देख रहे थे. यहाँ अनुज पानी के निचे अपना लंड मेरी गांड पे घिस रहा था. कभी आगे पीछे करता तो कभी दाये बाये कार लंड को मेरी गांड पे घिस रहा था.</p>
  891.  
  892.  
  893.  
  894. <p>उसकी ये हरकत देख मुझे विस्वास हो गया की कुछ देर पहले मेरी गांड दबाने वाला और कोई नहीं अनुज ही था.</p>
  895.  
  896.  
  897.  
  898. <p>हम फिर पानी में नहाने लगे. इस बार मेरी नजर अनुज पर ही थी. मेने देखा वो बार बार मेरे मम्मो को देख रहा था. मेने जो पंजाबी ड्रेस पहना था, वो पानी में गीले होने के बाद मेरे शरीर से चिकप गया था. जिस वजसे मेरे मम्मो का आकर स्पस्ट रूप से दिखाई दे रहा था.</p>
  899.  
  900.  
  901.  
  902. <p>अनुज की आँखे मेरे शरीर पर घूमते हुए देख में भी मदहोश हो गई. चुपके छुपाते हुए में जानबूझकर पानी में झुक के अपने मम्मो की बिच की दरार अनुज को दिखाने लगी. अनुज मेरे स्तन को देख चकाचौंद हो गया था. उसके चेहरे के बदले हुए भाव मुझे स्पस्ट दिख रहे थे.</p>
  903.  
  904.  
  905.  
  906. <p>काफी देर झरने में नहाने के बाद हम घर की और निकल पड़े. शाम भी होने आयी थी तो जल्दीसे होटल पोहच गए. फिर होटल में ही शाम का खाना खा लिया. मेरे पति का पिने का मूड था तो वो बोतल लेके कमरेमे ही बैठ गए.</p>
  907.  
  908.  
  909.  
  910. <p>आज वो बहोत खुश लग रहे थे. ख़ुशी में उन्होंने ज्यादा ही पि ली. इतनी पि ली के कुछ देर बाद उन्हें खड़े रहने की ताकत नहीं थी.</p>
  911.  
  912.  
  913.  
  914. <p>जब सोने की बरी आई तो मेने उनको सोफे पे ही सुला दिया और उनके ऊपर चादर डाल दी. अनुज बेड पे ही दूसरी तरफ मोबाईल पे गेम खेलते हुए बैठा था. मेने कमरे की लाइट बंद की और रूम में पूरा अँधेरा हो गया.</p>
  915.  
  916.  
  917.  
  918. <p>सिर्फ अनुज के मोबाईल का प्रकाश था. में तुरंत आकर बेड पर अनुज से कुछ ही दूर पीठ कर सो गयी. मेने तब सिल्क की गुलाबी रंग की मैक्सी पहनी थी. ब्रा पहले ही निकाल दिया था.</p>
  919.  
  920.  
  921.  
  922. <p>अनुज ने शायद मौके को समजा और तुरंत अपने मोबाईल को बंद कर वो मेरे पास सो गया. में जगी हुई थी. सोच में थी की अनुज अब आगे क्या करेगा. तभी अनुज ने पिछेसे मुझे जकड लिया. वो मुझे पीछे से पकड़ कर अपना लंड को मेरी गांड पे टिकाकर सोया था. मुझे अपनी कोमल गांड पे अनुज का तना हुआ लंड महसूस हो रहा था.</p>
  923.  
  924.  
  925.  
  926. <p>अनुज ने पहले अपनी कमर हिलाकर अपने लंड को मेरे गांड पे घिसना सुरु किया. में बिना कुछ बोले उसे वो जो कर रहा है वो करने दिया. जैसे अनुज को पता चला की में कुछ नहीं कह रही हु. तो उसने एक हातोंसे मेरे मम्मे दबाना सुरु किया.</p>
  927.  
  928.  
  929.  
  930. <p>अनुज ने जैसे ही मेरे मम्मे दबाये, मुजसे रहा नहीं गया और मेरे मुँह से सुसकारे.. निकलने लगे. अहह अहह. श्श्श श्श्श्श. अहहहहहहह… शशःशस.</p>
  931.  
  932.  
  933.  
  934. <p>मेरी आवाज सुन अनुज और जोश में आ गया और मेरे मम्मो को जोर जोर से दबाने लगा. पिछेसे अपने लंड को और जोर से मेरी गांड पे दबाने लगा. अहह अहहह अहहह…..</p>
  935.  
  936.  
  937.  
  938. <p>देखते ही देखते उसका जोश हवस में बदल गया और उसने मुझे अपनी और किया और मेरे ऊपर आकर सीधा मेरे होठोंको चूमने लगा. जैसे ही अनुज के होठ मेरे होठोंसे टकराये, मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. में अनुज के प्यार में बह गयी.</p>
  939.  
  940.  
  941.  
  942. <p>हम दोनों भी पागलो की तरह एक दूसरे को चूमने लगे. में उसके बालो में हात घुमाने लगी. उसकी पीठ पर हात घुमा रही थी.</p>
  943.  
  944.  
  945.  
  946. <p>वैसे था तो वो मेरा ही बेटा लेकिन काफी दिनों बाद किसी नौजवान लड़के के शरीर को अपने बदन पर महसूस कर मेरी चुत को बहोत आनंद मिल रहा था.</p>
  947.  
  948.  
  949.  
  950. <p>होठोंको चूमते हुए अनुज ने मेरे मम्मे दबाना सुरु किया. धीरे धीरे वो मेरे गालो को चूमते हुए निचे जाने लगा. उसने मेरी गर्दन से होकर मम्मो तक का सफर आसानी से पार किया फिर जैसे वो मम्मो पर पोहचा, उसने मेरी मैक्सी उठाकर ऊपर कर दी.</p>
  951.  
  952.  
  953.  
  954. <p>मेने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. मेरे खड़े निप्पल देख उसे रहा नहीं गया. पहले उसने अपने हातोंसे मेरे दोनों निप्पल मसले. फिर तुरंत अपना मुँह मेरे निप्पल पर रखा और दोनों मम्मे दबा दबा कर चूसने लगा. अहहहा.अहहह अहःअहः. श्श्श ष्ष्स ष्ष्हशस…. अनुज ष्ष्हशश ष्ष्श.. धीरे श्शश ष्षष..</p>
  955.  
  956.  
  957.  
  958. <p>में सिसकती रही लेकिन अनुज रुका नहीं. उसके दोनों हातोंके पंजे मेरे दोनों मम्मो को जोर जोर से दबा रहे थे. निप्पल को मुँह में लेकर अनुज खींचने लगा. अहह अहह….. धिरे अहहह हाहाहाहा…</p>
  959.  
  960.  
  961.  
  962. <p>काफी देर मम्मो का दूध पीकर अनुज निचे फिसला. पहले उसने मेरी नाभि पर जीभ घुमाकर चाट लिया. मेरी कमर को टटोलने लगा. अपने होठ मेरे पेट पर घिसने लगा. चूमते हुए जैसे वो निचे जाने लगा, मेरे तो आनंद का कोई ठिकाना नहीं रहा.</p>
  963.  
  964.  
  965.  
  966. <p>अनुज ने मेरी निक्कर देखि. वो निकर पर अपना मुँह रगड़ने लगा. फिर देखते ही देखते दोनों हातोंसे निक्कर को पकड़ा और धीरेसे निचे खींच उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया.</p>
  967.  
  968.  
  969.  
  970. <p>में नंगी बेड पर अपने ही बेटे के सामने तड़पने लगी. मुझे बहोत शर्म आ रही थी. अनुज ने मेरी हलचल देखि और उसने तुरंत मेरे पैर फैलाये और चुत पे अपने होठ रख चाटने लगा.</p>
  971.  
  972.  
  973.  
  974. <p>अहह अहहह….. मर गयी,,, अह्ह्ह्ह हाहाहा..ा आह्हः .. यही तो मुझे चाहिए था. हां अहहहहहह</p>
  975.  
  976.  
  977.  
  978. <p>अनुज बेटा चाटो….अहहह अह्हह्ह हहह…. बहोत दिन से तड़प रही थी. अनुज की जीभ मेरे चुत के अंदर घूमने लगी. चुत से निकलने वाला पानी वो पूरा चाट चाट के पि गया. अहह हहह अहह…..</p>
  979.  
  980.  
  981.  
  982. <p>फिर अनुज ने अपनी एक ऊँगली मेरे चुत में डाली और वो चाटने लगा. जोर जोर से ऊँगली चुत में घिसने लगा. अहहह हहह… और भी ज्यादा आनंद मिलने लगा.</p>
  983.  
  984.  
  985.  
  986. <p>अहह अह्ह्ह्ह… अनुज अहहह हहहहह आह्हः…….</p>
  987.  
  988.  
  989.  
  990. <p>काफी देर चुत चाटने के बाद अनुज पीछे हटा, उसने तुरंत अपनी पहनी हुई टीशर्ट और पैंट उतार दी. मेरे ही सामने उसने अपनी निक्कर भी निचे खींच ली और अपने तने हुए लंड को बहार निकाला.</p>
  991.  
  992.  
  993.  
  994. <p>अनुज का लंड देख में बहोत कुछ हुई. उसका लंड काफी बड़ा था. तना हुआ और लम्बा लंड ऊपर निचे हिल रहा था.</p>
  995.  
  996.  
  997.  
  998. <p>जैसे ही अनुज नंगा हुआ, वो सीधा आकर मेरे सिनेपे बैठ गया. मेरे ममो पर बैठे उसने अपने लंड को मेरे मुँह में दे दिया. मेने भी तुरंत लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.</p>
  999.  
  1000.  
  1001.  
  1002. <p>अहह हाहाः… काफी मीठा था अनुज का लंड. मेरे ही बेटे का लंड कभी में मुँह में लुंगी ऐसा कभी मेने सपने में भी नहीं सोचा था. उमम अमममम अम्म्मा….. लंड काफी बड़ा था इसलिए पूरा मुँह में नहीं जा रहा था.</p>
  1003.  
  1004.  
  1005.  
  1006. <p>तो अनुज ने अपनी कमर ऊपर उठाई और जोर से धक्का देके मेरे मुँह में पूरा लंड डालने की कोशिश करने लगा. में डर गयी क्यूंकि लंड अब मेरे गले तक जाने लगा. आधे से ज्यादा लंड मुँह में चला गया था. अनुज और जोर जोर से धक्के देते हुए मेरे मुँह को अपने लंड से चोदने लगा.</p>
  1007.  
  1008.  
  1009.  
  1010. <p>उमूमम ुमुमुम ुमुमुम अहममम ाममममम ा</p>
  1011.  
  1012.  
  1013.  
  1014. <p>काफी देर लंड को चूसने के बाद, अनुज ने लंड मेरे मुँह से बहार कीचा. फिर उसने मेरे मम्मो के बिच लंड को फसाकर घिसना सुरु किया. मेने अपने मम्मे दोनों हातोंसे दबाके पकडे और अनुज अपने लंड को मेरे मम्मो के बिच घिस रहा था.</p>
  1015.  
  1016.  
  1017.  
  1018. <p>फिर अनुज मेरे निचे सरक गया और मेरे दोनों पेरो के बिच बैठ गया. उसने मेरे पैर फैलाये और लंड को आगे ले आया. धीरेसे लंड को चुत में डालने लगा. अहहहहह.. लंड की नोक चुत में जाने लगी तो शरीर की गर्माहट और बढ़ने लगी.. धिरे धिरे अनुज ने लंड को चुत में धकेल दिया और जैसे आधा लंड चुत में घुसा, वो मेरे उपर आकर सो गया.</p>
  1019.  
  1020.  
  1021.  
  1022. <p>मुझे कसकर जकड कर होठोंपे चूमने लगा और निचेसे मेरी चुत को अपने लंड से चोदने लगा. जोर जोर से लंड को चुत में अंदर बहार करने लगा. अहह हः हां अहहह..अह्हह्ह्ह अहहह…..</p>
  1023.  
  1024.  
  1025.  
  1026. <p>तने हुए लंड को चुत में लेकर बहोत मजा आ रहा था. मेरे पुरे शरीर में एक तरह की तेजी आ गया था.</p>
  1027.  
  1028.  
  1029.  
  1030. <p>अनुज ने मुझे जोर जोर से चोदना सुरु किया. अहहह हहहह अहह . .. अनुज अहःअहः स्सश्श्श हहहसहषश……..अहह अहह…. वो काफी हवस से भरा हुआ लग रहा था. अभी उसे रोकना मुमकिन नहीं था. उसने लंड को पूरा चुत में घुसा दिया था. और जोर जोर से चुत पे धक्के देकर लंड जो जितना अंदर जा सके दाल रहा था.</p>
  1031.  
  1032.  
  1033.  
  1034. <p>धक्के के सात उसके दोनों गोटे मेरी चुत पर पटक रहे थे. अनुज ने अपनी गति बघाई और कुछ देर वो पुरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था. अहह आह्हः हहहह ः.. अनुज अहहह अह्हह्ह्ह्ह… पूरा बेड हिलने लगा. अहह हहहहह.. मुझे डर था की अनुज के पापा न उठ जाये आवाज सुनकर.</p>
  1035.  
  1036.  
  1037.  
  1038. <p>अहह अहा हां अहह हहहा.. अनुज अहह अहहहहह हहहह हाहाहा चोद …. मेरे बेटा,,आह्हः हहहह चोद…अह्ह्ह्ह</p>
  1039.  
  1040.  
  1041.  
  1042. <p>फिर काफी देर चोदने के बाद अनुज ने लंड को चुत से बहार खींचा. मुझे उल्टा सोने कहा. जैसे में पलटी, मेरी गांड देख वो पागल सा हो गया. मेरे गांड पे दोनों हात रख दबाने लगा. मेरी गांड काफी बड़ी थी. वो दोनों हातोंसे मेरी गांड को मसलने लगा.</p>
  1043.  
  1044.  
  1045.  
  1046. <p>फिर अचानक से मेरे ऊपर सो गया और अपना लंड मेरी गांड के बिच फसाकर जोर जोर से धक्के देकर मेरी गांड में लंड घिसने लगा. अनुज के मुँह से सिसकने की आवाजे आने लगी. अहह अहहहह अहह श्शश ष्षष हश्श…….</p>
  1047.  
  1048.  
  1049.  
  1050. <p>उसका खड़ा लंड सीधा मेरी गांड की दरार में अंदर तक जा रहा था… लंड से निकलने वाले चिप चिपे पानी से गांड की दरार पूरी गीली कर दी थी. लंड को गांड में घिस घिस कर अनुज गांड मारने का आनंद लेने लगा.</p>
  1051.  
  1052.  
  1053.  
  1054. <p>कुछ देर बाद वो अनुज मेरे ऊपर से हटा. फिर सीधा मेरे पेरो के पास बैठ उसने मुझे घोड़ी बना दिया. में घुटने के बल बेड पर बैठी थी. अनुज पीछे आया और पिछेसे उसने धीरेसे अपने लंड को मेरी चुत में फिर से सरका दिया. लंड धीरे धीरे मेरी चुत में अंदर जाने लगा. धक्के देकर लंड को अंदर डाल उसने मेरी कमर को दोनों हातोंसे पकड़ लिया.</p>
  1055.  
  1056.  
  1057.  
  1058. <p>लंड पूरा चुत में डालकर अनुज ने मुझे फिर से चोदना सुरु किया. इस बार लंड और भी अंदर जा रहा था. अनुज बहोत ही उत्तेजित हो गया. जिस तरह से वो धक्के दे रहा था, शायद वो भूल गया की वो अपनी ही माँ को चोद रहा था. अहह ाहः हहहहह हहह अहहहहहहह…</p>
  1059.  
  1060.  
  1061.  
  1062. <p>मेरी कमर को दोनों हातोंसे पकड़ कर जोर जोर से अपने लंड को मेरी चुत पे पटकने लगा. मेरी गांड पे अनुज की जांघ जोर जोर से पटक रही थी. में बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज को रोक पा रही थी. अहह अहह यह. श्श्श ष्षष.. अनुज अश्श ष्ष्स हष ष्ष्हसशश स… बेटा धीरे से करो अहह हहहहह हहहह….</p>
  1063.  
  1064.  
  1065.  
  1066. <p>गांड पे पटकने की आवाज पुरे कमरे में घूम रही थी. अहह अहह हहहहहह हाहाहा….. अहहहह…</p>
  1067.  
  1068.  
  1069.  
  1070. <p>लंड के इतनी बार चुत में रगड़ने के बाद मेरी चुत ने पानी छोड दिया… चुत से पानी बहार आने लगा. लंड को गिला कर लंड को और भी जोश में ला दिया. अनुज अभी भी मुझे जोश में चोद रहा था. कुछ देर बाद अनुज ने अपनी गति बधाई…. मुझे महसूस हुआ की शायद अब अनुज का पानी निकलने वाला है. वो जोर जोर से धक्के देने लगा.</p>
  1071.  
  1072.  
  1073.  
  1074. <p>कुछ ही देर बाद अनुज ने झट से अपना लंड बाहर कीचा और मेरी चुत पे और गांड पे लंड का गरम पानी उड़ा दिया. गांड पे मुझे गरम पानी की बौछार महसूस हो रही थी.</p>
  1075.  
  1076.  
  1077.  
  1078. <p>काफी देर तक लंड से पानी निकल रहा था. फिर आख़िरकार लंड को मेरी गांड पे घिसकर पीछे हट गया. में कुछ देर ऐसे ही सोई रही.</p>
  1079.  
  1080.  
  1081.  
  1082. <p>फिर जब उठी तो देखा की अनुज अपने कपडे पहन के पास ही में सोया था. और में पूरी नंगी बेड पर सोइ थी. मेने तुरंत अपनी मैक्सी पहनी और फिर से सो गयी.</p>
  1083.  
  1084.  
  1085.  
  1086. <p>उस दिन के बाद अनुज और मेरे बिच में एक गहरा नाता बन गया था. जब भी मौका मिलता अनुज मुझे आकर चोदता था.</p>
  1087.  
  1088.  
  1089.  
  1090. <p>हम माँ और बेटे की चुदाई की कहानी आपको कैसे लगी जरूर कमेंट करके बताना.</p>
  1091. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_2149" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="2149" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87/">मेरे ही बेटे ने मुझे फिर से जवानी का आनंद दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  1092. ]]></content:encoded>
  1093. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87/feed/</wfw:commentRss>
  1094. <slash:comments>1</slash:comments>
  1095. </item>
  1096. <item>
  1097. <title>बॉयफ्रेंड ने मेरी ही माँ को चोद दिया</title>
  1098. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%af%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95/</link>
  1099. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%af%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95/#respond</comments>
  1100. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  1101. <pubDate>Fri, 23 Aug 2024 05:26:00 +0000</pubDate>
  1102. <category><![CDATA[माँ (Mother)]]></category>
  1103. <guid isPermaLink="false">https://www.69kar.com/?p=2139</guid>
  1104.  
  1105. <description><![CDATA[<p>मेरा नाम नैना है. में २४ साल की हु और माँ के साथ रहती हु. जब से मेरे माता पिता का डिवोर्स हुआ है, में</p>
  1106. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%af%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95/">बॉयफ्रेंड ने मेरी ही माँ को चोद दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  1107. ]]></description>
  1108. <content:encoded><![CDATA[
  1109. <p>मेरा नाम नैना है. में २४ साल की हु और माँ के साथ रहती हु. जब से मेरे माता पिता का डिवोर्स हुआ है, में और मेरी माँ हम दूसरे शहर में रहने आ गए थे. नया शहर था. नए लोग मिल रहे थे. काफी कुछ बदलाव से गुजरना पड़ा मुझे. उसी दौरान मेरी दोस्ती आशीष से हुई.</p>
  1110.  
  1111.  
  1112.  
  1113. <p>आशीष मेरे ही ऑफिस में काम करता था. धीरे धीरे कब दोस्ती प्यार में बदल गयी पता ही नहीं चला. जैसे जैसे हमारी नजदीकियां बढ़ने लगी. आशीष ने मेरे कोमल शरीर का उपयोग करना सुरु कर दिया. मुझे भी बहोत आनंद मिल रहा था. इसलिए मेने कभी आशीष को रोका नहीं. कुछ महीनो बाद हम रूम पे जाने लगे. पूरा पूरा दिन आशीष मुझे चोदता था. मेरी चुत से खेलता रहता था. उसे मेरे बड़े बड़े मुलायमसे स्तन बहोत पसंद आते थे.</p>
  1114.  
  1115.  
  1116.  
  1117. <p>जब भी मौका मिलता, में घर पे झूट बोल के आशीष से मिलने जाती थी. ६ महीने के इस प्यार में, राहुल ने २० से ज्यादा बार रूम पे ले जाकर चोदा था.</p>
  1118.  
  1119.  
  1120.  
  1121. <p>हलाकि माँ को मेने अभी तक आशीष के बारेमे कुछ बताया नहीं था. लेकिन उसे कुछ कुछ एहसास हो गया था की कोई तो लड़का है जिससे में मिलती हो.</p>
  1122.  
  1123.  
  1124.  
  1125. <p>एक दिन माँ ने मुझे पूछ ही लिया की कौन है वो लड़का. में तब बहोत ही डर गयी थी. डरते डरते मेने बता दिया माँ को की मेरा बॉयफ्रेंड है. जिसका नाम आशीष है.</p>
  1126.  
  1127.  
  1128.  
  1129. <p>माँ मेरी बात सुन बहोत कुछ हुई. माँ ने मुझे आशीष को घर बुलाने को कहा. मेने तुरंत आशीष को फोन करके जो हुआ वो बता दिया.</p>
  1130.  
  1131.  
  1132.  
  1133. <p>आशीष भी मेरी बात सुन कुश हुआ. उस दिन के बाद से आशीष का मेरे घर आना जाना लगा ही रहता था. माँ से उसकी अच्छी जम गयी थी. दोनों घंटो तक बाते करते रहते थे. में माँ के साथ बाजार जाया करती तो आशीष भी हमारे साथ आया करता था.</p>
  1134.  
  1135.  
  1136.  
  1137. <p>में बहोत ही कुछ थी क्यूंकि माँ को भी आशीष अच्छा लगने लगा था.</p>
  1138.  
  1139.  
  1140.  
  1141. <p>ऐसी ही कुछ दिन बीत गए.</p>
  1142.  
  1143.  
  1144.  
  1145. <p>एक दिन हमारे ऑफिस में मुझे पता चला की सभी पिकनिक जाने वाले है. तबतक आशीष ने मेरे ऑफिस से जॉब छोड दिया था. मेने माँ को बताया की इस शुक्रवार को हमारी ऑफिस की पिकनिक जाने वाले है. २ दिन तक वहा पे ही रहना है. रविवार की शाम को वापस आ जायेंगे.</p>
  1146.  
  1147.  
  1148.  
  1149. <p>आशीष को भी मेने ये बात बता दी. में दूसरे ही दिन अपने तैयारी में लग गयी. आखिरकार जानेका दिन आ ही गया.</p>
  1150.  
  1151.  
  1152.  
  1153. <p>में घर पे नहीं रहूंगी इसलिए माँ ने भी अपनी बहन के घर जाने का विचार किया था. में घर से निकली और ऑफिस में बैग के साथ पोहच गयी. बहार सुहाना मौसम था. रात भर काफी बारिश हुई थी. कुछ देर बाद बस आई और हम सारे बस से निकल पड़े.</p>
  1154.  
  1155.  
  1156.  
  1157. <p>सफर काफी मजेदार चल रहा था. करीब २ घंटे हो चुके थे हमें निकले हुए. कुछ दूर आने के बाद बस अचानक से रस्ते में रुक गयी. आगे देखा तो ट्रैफिक जाम लगा था. पुलिस भी खड़ी थी.</p>
  1158.  
  1159.  
  1160.  
  1161. <p>काफी देर तक बस खड़ी रही. फिर एक पुलिस वालेने आकर बताया की बस आगे नहीं जा सकती. क्यूंकि आगे के रस्ते पे पहाड़ से बड़ी बड़ी चट्टानें रस्ते पे आकर गिरी है. पूरा रास्ता बंद हो चूका है. रात भर बारिश की वजसे ये हादसा हुआ है. करीब दो दिन लगेंगे इस रस्ते को पूरा साफ होने में.</p>
  1162.  
  1163.  
  1164.  
  1165. <p>ये सुनकर सारे बस में बैठे मेरे दोस्त चौक गए. कुछ देर वह रुकने के बाद आखिरकार हमारे मैनेजर ने वापस जानेका फैसला किया. बॉस ने भी वापस आने को कहा. हमारी ट्रिप अब रद हो चुकी थी.</p>
  1166.  
  1167.  
  1168.  
  1169. <p>सारे मायूस हो गए. कुछ घंटो बाद बस ने हमें फिर ऑफिस पे लाकर छोडा. सारे लोक घर जाने लगे. में भी ऑटो पकड़ कर घर आ गयी. माँ ने मासी के घर जाने का प्लान किया था. इसलिए मुझे लगा माँ चली गयी होगी.</p>
  1170.  
  1171.  
  1172.  
  1173. <p>मेने अपने पास जो घर की चाबी थी वो बैग से निकाली और दरवाजा खोल कर अंदर आ गयी. काफी थक गई थी इसलिए मेने सोचा कमरेमे जाकर थोड़ा आराम कर लेती हु.</p>
  1174.  
  1175.  
  1176.  
  1177. <p>लेकिन जैसे ही मेने कमरेका दरवाजा धीरेसे खोला अंदर जो मेने देखा वो देख मेरे तो होश उड़ गए. अंदर बेड पर माँ सोइ हुई थी. माँ का ब्लाउज़ और ब्रा बेड के पास निचे पड़ा हुआ था. उसके बगल में आशिस की टीशर्ट पड़ी थी.</p>
  1178.  
  1179.  
  1180.  
  1181. <p>सामने देखा तो माँ के उपर आशीष लेटा हुआ था. और वो माँ के मम्मो को दोनों हातोंसे दबा दबाकर उसके निप्पल को चूस रहा था. माँ की&nbsp;सिसकती हुई आवाज कमरेमे गूंज रही थी. में सहम गई. मेने दरवाजा थोडासा खुला छोड़ अंदर झांककर माँ और मेरे बॉयफ्रेंड को देखने लगी.</p>
  1182.  
  1183.  
  1184.  
  1185. <p>मुझे तो कुछ समज नहीं आ रहा था की क्या हो रहा था. मेरे दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया था.</p>
  1186.  
  1187.  
  1188.  
  1189. <p>काफी देर तक आशीष मेरी माँ के मम्मे दबा दबाकर चूस रहा था. फिर उसने धीरे धीरे निचे जाना सुरु किया. वो माँ के पेट पर चूमने लगा. जीभ नाभि के ऊपर गोल गोल घुमाकर चाटने लगा. माँ मचलने लगी. सिसकते हुए आवाज करने लगी. अहहह हां अहहह हहहह हहहहह……</p>
  1190.  
  1191.  
  1192.  
  1193. <p>देखते ही देखते आशीष ने माँ की साड़ी उतार दी.</p>
  1194.  
  1195.  
  1196.  
  1197. <p>माँ अब सिर्फ निक्कर पर सोइ हुई थी. माँ की निक्कर देख आशीष और उत्तेजित हो उठा. वो अपना मुँह माँ की निक्कर पर रख चुत पर रगड़ने लगा.</p>
  1198.  
  1199.  
  1200.  
  1201. <p>कुछ देर बाद आशीष ने माँ की निक्कर दोनों हातोंसे पकड़ी और निचे खींच ली. जैसे माँ की निक्कर निकली, माँ अब पूरी नंगी आशीष के आखो के सामने पड़ी हुई थी. आशीष ने एक नजर माँ की चुत को देखा और फिर माँ के दोनों पैर फैलाकर जो उसने माँ की चुत को चाटना सुरु किया. में देखकर चौक गई.</p>
  1202.  
  1203.  
  1204.  
  1205. <p>आशीष पागल कुत्ते की तरह माँ की चुत को चाट रहा था. मुझे उसकी जीभ माँ की चुत पर ऊपर से निचे घूमते हुए आखो के सामने दिख रही थी. वो कभी जीभ को चुत के अंदर डालता तो कभी चुत के आस पास घुमाकर चाट रहा था.</p>
  1206.  
  1207.  
  1208.  
  1209. <p>वह माँ उत्तेजित होकर अपने हातोंको बेड पर घिस रही थी. माँ के चेहरेपर जो हवस से भरी भावना दिख रही थी, वो देख मेरी चुत ने पानी गिराना शुर कर दिया. में आशीष को मेरी माँ की चुत को चाटते हुए देख उत्तेजित हो उठी. मेरा हात अपने आप मेरे चुत पर चला गया और में माँ और आशीष को देख अपनी चुत को सहलाने लगी.</p>
  1210.  
  1211.  
  1212.  
  1213. <p>अहह अहहह… मेरी चुत भी काफी गरम हो चुकी थी. मुझे समज नहीं आ रहा था में क्या करू. में अपनी चुत को सहलाते हुए जो आनंद मिल रहा था. में उसमे बह गयी.</p>
  1214.  
  1215.  
  1216.  
  1217. <p>कुछ देर आशीष ने माँ की चुत चाट ली. फिर वो पीछे हटा. तुरंत बेड पर खड़े होकर उसने अपनी बची हुई पैंट और निक्कर भी बदन से हटा दी. माँ के सामने पूरा नंगा होकर लंड को हिलाते हुए वो निचे बैठा. उसने माँ को हात पकड़ कर उठाया और अपने लंड के सामने बिठाया.</p>
  1218.  
  1219.  
  1220.  
  1221. <p>जैसे माँ उठी, उसने बिना देरी किये तुरंत आशीष का लंड अपने मुठी में पकड़ लिया और मुँह में लेकर चूसने लगी. में ये सोच कर परशान थी की माँ को जरा भी शर्म नहीं आ रही थी की वो अपने ही होने वाले दामाद का लंड ऐसे चूस रही है.</p>
  1222.  
  1223.  
  1224.  
  1225. <p>माँ ने आशीष का तनाहुआ लंड पूरा अंदर लेकर चूसना शुरू कर दिया. जिस तरह वो आशीष के लंड को चूस रही थी. माँ के मुँह में लंड देख मेरे मुँह से पाने आने लगा. क्यूंकि वो मेरा लंड था. वो मेरे मुँह में होना चाहिए था.</p>
  1226.  
  1227.  
  1228.  
  1229. <p>माँ के मुँह में लंड देकर आशीष आह भर रहा था. आशीष ने माँ का सर पकड़ उसके मुँह में अपना लंड आगे पीछे करना सुरु किया. मुझसे अभी रहा नहीं गया. मेने तुरंत अपनी सलवार निचे की और निक्कर भी घुटने तर उतारी और मेरी चुत को उंगलियों से रगड़ने लगी. चुत से बहोत ज्यादा पानी निकल रहा था. वो चिप चिपा पानी में चुत पर लगाकर रगड़ने लगी.</p>
  1230.  
  1231.  
  1232.  
  1233. <p>माँ ने कुछ देर लंड को चूस चूस कर गिला कर दिया. फिर वो फिर से पीछे लेट गयी. अब आशीष ने माँ के पैर फैलाये और तनेहुए लंड को धीरेसे माँ की चुत में डालना सुरु किया.</p>
  1234.  
  1235.  
  1236.  
  1237. <p>अपने बॉयफ्रेंड का लंड माँ की चुत में जाते हुए देख में पानी पानी हो गई. जैसे लंड चुत में जाने लगा. यहाँ मेने अपनी ऊँगली अपने चुत में डालना सुरु किया…. अहहह अहहहहहह… मेरे चुत लंड को देख तड़पने लगी. ऐसे लग रहा था की कोई मुझे भी आकर चोदे. मेरी चुत में लंड डालकर चोदना सुरु करे.</p>
  1238.  
  1239.  
  1240.  
  1241. <p>आशीष ने लंड को माँ की चुत में पूरा घुसाकर उसके उपर लेट गया. और फिर कमर आगे पीछे कर वो माँ को चोदने लगा. अहह आह्हः हहहहह …..दोनों होटो पर चुम्बन लेते हुए आनंद ले रहे थे. मेरी आखो के सामने आशीष का लंड माँ की चुत में अंदर तक जा रहा था.</p>
  1242.  
  1243.  
  1244.  
  1245. <p>यहाँ में अपनी ऊँगली को जोर जोर से चुत में डाल चुत का आनंद लेने लगी. मेरी सारी उंगलिया चुत के पानी से गीली हो चुकी थी.</p>
  1246.  
  1247.  
  1248.  
  1249. <p>आशीष ने कुछ देर माँ को चोदा फिर उसे उल्टा सुलाके माँ की गांड को चाटने लगा. माँ की बड़ी गांड दोनों हातोंसे दबा दबाकर चाट रहा था. फिर माँ की गांड पर बैठ अपना लंड माँ की गांड के बिच डाल घिसने लगा.</p>
  1250.  
  1251.  
  1252.  
  1253. <p>आशीष को ऐसा करते हुए देख में एक हात से अपनी चुत मसल रही थी और दूसरे हातोंसे अपनी ही गांड को दबाकर आनंद लेने लगी. अहह अहह… अहहहहह. काफी मजा आ रहा था.</p>
  1254.  
  1255.  
  1256.  
  1257. <p>आशीष ने माँ की पीठ पर हात घुमाते हुए गांड को सहलाया और फिर उसने माँ को घोड़ी बनाया. माँ जैसे ही घोड़ी बनी, आशीष ने पीछे से अपना लंड में पकड़ कर धीरेसे माँ की चुत में धकेल दिया. धीरे धीरे आशीष का लंड माँ की चुत में चला गया. पूरा लंड माँ की चुत में डालकर उसने माँ की कमर को दोनों हातोंसे पकड़लिया और पीछे से माँ को चोदने लगा.</p>
  1258.  
  1259.  
  1260.  
  1261. <p>माँ चिलाने लगी. अहह हहह……. आशीष बेटा चोद मुझे. आह्हः हहहहहहहह…. मजा आ रहा है….. अहह आह्हः हहह…….</p>
  1262.  
  1263.  
  1264.  
  1265. <p>आशीष भी कहने लगा…. हा माँ…. अब तो में तुम्हे जीवन भर चोदने वाला हु. तुम्हारा दामाद तुम्हारी बेटी को और तुम्हे दोनों को साथ चोदेगा.</p>
  1266.  
  1267.  
  1268.  
  1269. <p>यह बात सुन में पगला गई. मेने अपनी ऊँगली चुत में घुसाकर जोर जोर से चुत को हिलना सुरु किया. आशीष और माँ की बातो ने मुझे पागल कर दिया. .. दोनों भी खुलकर चुदवा रहे थे.</p>
  1270.  
  1271.  
  1272.  
  1273. <p>माँ की चिलानेके की आवाज मेरे कानोंमें बजने लगी. आशीष भी जोर जोर से माँ को चोद रहा था.</p>
  1274.  
  1275.  
  1276.  
  1277. <p>पूरा माहौल ऐसा था की तीनो भी हवस से भरे हुए थे और आनंद ले रहे थे. आशीष ने वहा अपनी गति बधाई और मेने यहाँ अपनी चुत को जोर जोर से मसलना सुरु किया. अहह अहह हां हाहाहाहा….</p>
  1278.  
  1279.  
  1280.  
  1281. <p>चोदते चोदते आशीष ने अपना लंड बहार निकाला और माँ की गांड पे पूरा पानी उड़ा दिया. उसी वक्त मेरी भी चुत ने अपना पानी छोड दिया….</p>
  1282.  
  1283.  
  1284.  
  1285. <p>आशीष के लंड से पानी की बौछार निकली. माँ की गोरी गांड पे मुझे चिप चिपा आशीष का पानी नजर आ रहा था. यहाँ मेने अपना हात देखा तो वो पूरा चुत के पानी से भरा हुआ था.</p>
  1286.  
  1287.  
  1288.  
  1289. <p>में धीरे से पीछे हटी और अपनी बैग लेकर घर से बहार चली गई. कुछ देर बहार रहने के बाद मेने बहार से माँ को फोन किया और कहा की में घर आ रही हु. पिकनिक रद हो गई है.</p>
  1290.  
  1291.  
  1292.  
  1293. <p>जब में घर आई तो आशीष घर से जा चूका था. सिर्फ माँ घरमे थी. माँ ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ नहीं. लेकिन उसे क्या पता की मेने पूरा सिनेमा देख लिया था.</p>
  1294.  
  1295.  
  1296.  
  1297. <p>उस दिन मुझे पता चला के मेरे घर पर न होने पर आशीष घर आकर मेरी माँ को चोद रहा था.</p>
  1298. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_2139" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="2139" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%af%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95/">बॉयफ्रेंड ने मेरी ही माँ को चोद दिया</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  1299. ]]></content:encoded>
  1300. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%ac%e0%a5%89%e0%a4%af%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95/feed/</wfw:commentRss>
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  1304. <title>में बन गई साहिल की रखेल</title>
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  1307. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  1308. <pubDate>Fri, 16 Aug 2024 04:39:26 +0000</pubDate>
  1309. <category><![CDATA[गर्लफ्रेंड (Girlfriend)]]></category>
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  1311.  
  1312. <description><![CDATA[<p>हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हंसिका है और मेरी उम्र 23 साल है. में कोलकाता कि रहने वाली हूँ और मेरा फिगर साईज 36-30-36 है. मेरी</p>
  1313. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%a8-%e0%a4%97%e0%a4%88-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b0%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%b2/">में बन गई साहिल की रखेल</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  1314. ]]></description>
  1315. <content:encoded><![CDATA[
  1316. <p>हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हंसिका है और मेरी उम्र 23 साल है. में कोलकाता कि रहने वाली हूँ और मेरा फिगर साईज 36-30-36 है. मेरी लड़कियों से ज़्यादा दोस्ती कभी नहीं रही थी. ये कहानी तब की है जब मैंने पी.जी में एड्मिशन लिया था. हमारे सीनियर बैच में बहुत ही मस्त लड़के थे. जब मैंने कॉलेज जॉइन किया था तो हॉस्टल में मेरे बैच के काफ़ी कम बच्चे आए थे और सब कैम्पस में ही रहते थे, तो हुआ यू कि कॉलेज पहुँचने के बाद मेरी दोस्ती एक सीनियर लड़की से हुई, उन्होंने मुझे शुरू के कुछ दिनों में काफ़ी मदद की थी.</p>
  1317.  
  1318.  
  1319.  
  1320. <p>फिर एक दिन उन्होंने मुझे अपने एक दोस्त से मिलवाया, जिसका नाम साहिल है. मैंने जब साहिल को फर्स्ट टाईम देखा तो बस देखती रह गयी. फिर उसने आ कर मुझसे हाय बोला और अब मेरी तो उसे देखकर सांसे तेज़ हो गयी थी. फिर मैंने कैसे भी करके हाय किया और स्माइल की. फिर उन्होंने बहुत मस्त सी एक स्माइल दी और मेरी बगल में आ कर बैठ गये. फिर हमारी बातें होने लगी, अब कई दिनों तक हम वाट्सअप और फ़ेसबुक पर घंटो बातें करते थे.</p>
  1321.  
  1322.  
  1323.  
  1324. <p>फिर एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे बॉयफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि नहीं, तब उन्होंने मुझे बताया कि वो भी सिंगल है. अब में बहुत खुश हुई और उन पर मेरी नज़र तो उसी दिन से थी जिस दिन मैंने उनको पहली बार देखा था. वो 6 फुट लंबे, दबंग वाली स्टाइल, गोरे, बहुत ही सेक्सी और हॉट दिखते है. फिर एक दिन हमारे कॉलेज में छुट्टी थी तो उन्होंने मुझे बाइक राईड के लिए पूछा. फिर मैंने भी हाँ बोल दिया. उस दिन मैंने बहुत सेक्सी हॉल्टर नेक टॉप और ब्लेक जीन्स पहनी थी. अब में बहुत सुंदर लग रही थी क्योंकि मेरे बूब्स उस टॉप में उभर कर आ रहे थे. फिर जब उन्होंने मुझे वैसे देखा तो अब उनकी नज़र मेरे बूब्स पर थी, अब मुझे बड़ा मज़ा आया, फिर हम बाइक पर चले गये.</p>
  1325.  
  1326.  
  1327.  
  1328. <p>उस शाम पूरे रास्ते में उनको पीछे से हग करके अपने बूब्स दबा रही थी, लेकिन में ऐसे बर्ताव कर रही थी कि जैसे मुझे स्पीड के कारण बहुत डर लग रहा है. फिर उन्होंने भी मौके का फायदा उठाते हुए बोला कि ज़ोर से पकड़कर बैठो. उस रात हमने फर्स्ट टाईम वीडियो चैट की थी, तब उन्होंने मुझे अपना लंड दिखाया, ओह गॉड क्या लंड था? दोस्तों इतना मोटा लंड मैंने पहले कभी नहीं देखा था.</p>
  1329.  
  1330.  
  1331.  
  1332. <p>फिर उन्होंने मुझे अपने बूब्स दिखाने के लिए बहुत बोला, लेकिन मैंने मेरी रूम पार्टनर के कारण नहीं दिखाया. फिर एक दिन हमने मिलने का प्लान बनाया और उस दिन हमारे कॉलेज में छुट्टी थी तो उन्होंने पूरे दिन मुझे अपने साथ कहीं चलने को बोला, तो में भी मान गयी और मुझे पता था कि आज कुछ तो होगा.</p>
  1333.  
  1334.  
  1335.  
  1336. <p>उस दिन मैंने जानबूझ कर बहुत सेक्सी टॉप पहना और साथ में हॉट पेंट पहनी थी. अब वो मुझे देखकर स्माइल करने लगे और बोले कि लगता है कि आज तुम पूरी तैयार हो और ये बोलकर मेरी कमर पर अपना हाथ फैरने लगे. अब में समझ गयी थी कि आज तो में गयी, क्योंकि जब तक में वर्जिन थी और अब मुझे थोड़ा डर भी लगने लगा था, लेकिन अब मुझे अच्छा भी लग रहा था, क्योंकि वो साहिल था.</p>
  1337.  
  1338.  
  1339.  
  1340. <p>फिर वो मुझे बाइक पर शहर से कुछ दूर एक सुनसान एरिया की तरफ लेकर गये, उधर उनका एक घर है जिसका आधा पार्ट गेस्ट हाउस बना हुआ है, वहाँ पर सिर्फ़ उनके कुछ स्टाफ रहते थे. उनका घर पूरा खाली था. फिर हम बाइक से उतरकर उस घर में अंदर गये और फिर मुझे बेडरूम में ले जा कर साहिल ने मैन दरवाजा बंद कर दिया, फिर उन्होंने बेडरूम का भी दरवाज़ा बंद कर दिया और बेड पर मेरे पास आकर मेरी बगल में बैठ गये.</p>
  1341.  
  1342.  
  1343.  
  1344. <p>अब वो मुझे बहुत ध्यान से देख रहे थे. फिर मैंने उनको देखा, तो वो बोले कि में तुम्हे सिर्फ़ अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बनाना चाहता. अब में कुछ नहीं समझी थी, तो मैंने पूछा कि मतलब, तो उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे समझने लगोगी. फिर उन्होंने मेरे पास आकर मुझे ज़ोर से स्मूच किया और मेरे लिप्स को काटने लगे और अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स को मसलने लगे जैसे उसमें से रस निकल रहा हो, अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने अपने हाथ से उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने मेरे होंठो को ज़ोर से काट लिया और अपने हाथ से मेरी चूचीयों को और ज़ोर से दबाने लगे. अब मुझे अच्छा लगने लगा था, अब मुझे दर्द भी हो रहा था, लेकिन अब मज़ा भी आ रहा था.</p>
  1345.  
  1346.  
  1347.  
  1348. <p>फिर वो उठे और मुझे खड़ा करके मेरे सारे कपड़े उतारने लगे. फिर उन्होंने मुझे पूरा नंगा करके लेटा दिया और खुद भी पूरे नंगे हो कर मेरे मुँह के पास आ कर मेरे मुँह में अपना लंड डालकर मुझे मुँह में चोदने लगे. उनका लंड बहुत बड़ा था. अब मेरी सांस अटक रही थी, लेकिन वो रुके नहीं. फिर वो 5 मिनट तक वैसे ही करते रहे.</p>
  1349.  
  1350.  
  1351.  
  1352. <p>फिर जब में बहुत ज़्यादा रोने लगी तो वो अपना लंड बाहर निकालकर मेरी चूचीयों पर अपना लंड रगड़ने लगे और मुझे किस करने लगे. फिर मैंने उन्हें बोला कि तुम्हारा बहुत बड़ा है, तो उन्होंने बोला कि तभी तो तुमको मज़ा आएगा. उनका लंड करीब 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था. अब में तो बहुत ज्यादा डरने लगी थी. फिर उन्होंने मुझे सीधा लेटाया और मेरे ऊपर आ कर मिशनरी पोजिशन में मेरी चूत पर अपना लंड लगाया. अब में इतनी ज़्यादा गर्म थी कि मेरे पानी से बेड नीचे भीग गया था और मेरी चूत के पानी की स्मेल पूरे रूम में फैल गयी थी.</p>
  1353.  
  1354.  
  1355.  
  1356. <p>फिर उन्होंने अपने लंड को दो बार आगे से पीछे तक रगड़कर एक धक्के में मेरी चूत फाड़ते हुए अपने लंड को पूरा अंदर तक पेल दिया. में उन्हें ज़ोर से पकड़कर चिल्लाई, तो उन्होंने मेरे मुँह पर अपना हाथ रख दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगे. अब मुझे बहुत दर्द हो रहा था और अब में उन्हें रुकने को बोलती तो वो और ज़ोर से चोदते गये.</p>
  1357.  
  1358.  
  1359.  
  1360. <p>अब लगभग 20 मिनट तक चोदने के बाद वो मेरे अंदर ही झड़कर मेरे ऊपर लेट गये. अब में भी उस बीच 3 बार झड़ गयी थी. फिर में उन्हें हग करके सो गयी. उस दिन सुबह से शाम तक उन्होंने मेरी चूत की 5 बार चुदाई की. फिर शाम को जब हम वापस जाने लगे तो तब में ठीक से चल भी नहीं पा रही थी और पूरा बेड मेरे खून और उनके वीर्य से सना हुआ था. फिर मैंने उन्हें हग किया और बोली कि थैंक यू फॉर दिस लवली एक्सपीरियन्स, तो उन्होंने कहा कि अब तो यह रोज की बात है बेबी. अब में मन ही मन खुश हो रही थी.</p>
  1361. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_2135" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="2135" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%a8-%e0%a4%97%e0%a4%88-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b0%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%b2/">में बन गई साहिल की रखेल</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  1362. ]]></content:encoded>
  1363. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%a8-%e0%a4%97%e0%a4%88-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b0%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%b2/feed/</wfw:commentRss>
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  1365. </item>
  1366. <item>
  1367. <title>कुंवारी नौकरानी को चोदा</title>
  1368. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%be/</link>
  1369. <comments>https://www.69kar.com/%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%be/#respond</comments>
  1370. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  1371. <pubDate>Fri, 16 Aug 2024 04:33:37 +0000</pubDate>
  1372. <category><![CDATA[नौकरानी (Maid)]]></category>
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  1374.  
  1375. <description><![CDATA[<p>आसाम की हरी भरी वादियां और जवान दिलों का संगम. किसको लुभा नहीं लेगा। ऐसे ही आसाम की हरी भरी जगह पर मेरे पति का</p>
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  1377. ]]></description>
  1378. <content:encoded><![CDATA[
  1379. <p>आसाम की हरी भरी वादियां और जवान दिलों का संगम. किसको लुभा नहीं लेगा। ऐसे ही आसाम की हरी भरी जगह पर मेरे पति का पदस्थापन हुआ। हम दोनों ऐसी जगह पर बहुत खुश थे। हमे कम्पनी की तरफ़ से कोई घर नहीं मिला था, इसलिये हमने थोड़ी ही दूर पर एक मकान किराये पर ले लिया था. उसका किराया हमें कम्पनी की तरफ़ से ही मिलता था।</p>
  1380.  
  1381.  
  1382.  
  1383. <p>मेरे पति सुनील की ड्यूटी शिफ़्ट में लगती थी। घर में काम करने के लिये हमने एक नौकरानी रख ली थी। उसका नाम आशा था। उसकी उम्र लगभग 20 साल होगी। भरपूर जवान, सुन्दर, सेक्सी फ़िगर. बदन पर जवानी की लुनाई . चिकनापन . झलकता था।</p>
  1384.  
  1385.  
  1386.  
  1387. <p>सुनील तो पहले दिन से ही उस पर फ़िदा था। मुझसे अक्सर वो उसकी तारीफ़ करता रहता था। मैं उसके दिल की बात अच्छी तरह समझती थी। सुनील की नजरें अक्सर उसके बदन का मुआयना करती रहती थी. शायद अन्दर तक का अहसास करती थी। मैं भी उसकी जवानी देख कर चकित थी। उसके उभार छोटे छोटे पर नुकीले थे। उसके होठं पतले लेकिन फ़ूल की पन्खुडियों जैसे थे।</p>
  1388.  
  1389.  
  1390.  
  1391. <p>एक दिन सुनील ने रात को चुदाई के समय मुझे अपने दिल की बात बता ही दी। उसने कहा -&#8216;नेहा. आशा कितनी सेक्सी है ना.&#8217;</p>
  1392.  
  1393.  
  1394.  
  1395. <p>&#8216;हं आ. हां. है तो . जवान लडकियां तो सेक्सी होती ही है.&#8217; मैं उसका मतलब समझ रही थी।</p>
  1396.  
  1397.  
  1398.  
  1399. <p>&#8216;उसका बदन देखा . उसे देख कर तो. यार मन मचल जाता है.&#8217; सुनील ने कुछ अपना मतलब साधते हुए कहा।</p>
  1400.  
  1401.  
  1402.  
  1403. <p>&#8216;अच्छा जी. बता भी दो जानू. जी क्या करता है.&#8217; मैं हंस पड़ी. मुझे पता था वो क्या कहेगा.<br>&#8216;सुनो नेहा . उसे पटाओ ना . उसे चोदने का मन करता है.&#8217;<br>&#8216;हाय. नौकरानी को चोदोगे . पर हां .वो चीज़ तो चोदने जैसी तो है.&#8217;<br>&#8216;तो बोलो . मेरी मदद करोगी ना .&#8217;</p>
  1404.  
  1405.  
  1406.  
  1407. <p>&#8216;चलो यार .तुम भी क्या याद करोगे . कल से ही उसे पानी पानी करती हूं.&#8217;</p>
  1408.  
  1409.  
  1410.  
  1411. <p>फिर मै सोच में पड़ गयी कि क्या तरीका निकाला जाये। सेक्स तो सभी की कमजोरी होती ही है। मुझे एक तरकीब समझ में आयी।</p>
  1412.  
  1413.  
  1414.  
  1415. <p>दूसरे दिन आशा के आने का समय हो रहा था. मैने अपने टीवी पर एक ब्ल्यू हिन्दी फ़िल्म लगा दी। उस फ़िल्म में चुदाई के साथ हिन्दी डायलोग भी थे। आशा कमरे में सफ़ाई करने आयी तो मै बाथरूम में चली गयी। सफ़ाई करने के लिये जैसे ही वो कमरे के अन्दर आयी तो उसकी नजर टीवी पर पडी. चुदाई के सीन देख कर वो खडी रह गयी। और सीन देखती रही।</p>
  1416.  
  1417.  
  1418.  
  1419. <p>मैं बाथरूम से सब देख रही थी। उसे मेरा वीडियो प्लेयर नजर नहीं आया क्योंकि वह लकडी के केस में था। वो धीरे से बिस्तर पर बैठ गयी। उसे पिक्चर देख कर मजा आने लग गया था। चूत में लन्ड जाता देख कर उसे और भी अधिक मजा आ रहा था। धीरे धीरे उसका हाथ अब उसके स्तनो पर आ गया था.. वह गरम हो रही थी। मेरी तरकीब सटीक बैठी। मैने मौका उचित समझा और बथरूम से बाहर आ गयी.</p>
  1420.  
  1421.  
  1422.  
  1423. <p>&#8216;अरे. टीवी पर ये क्या आने लगा है.&#8217;<br>&#8216;दीदी. साब तो है नहीं.चलने दो ना.अपन ही तो है.&#8217;<br>&#8216;अरे नहीं आशा. इसे देख कर दिल में कुछ होने लगता है.&#8217; मैं मुस्करा कर बोली</p>
  1424.  
  1425.  
  1426.  
  1427. <p>मैने चैनल बदल दिया. आशा के दिल में हलचल मच गयी थी . उसके जवान जिस्म में वासना ने जन्म ले लिया था।</p>
  1428.  
  1429.  
  1430.  
  1431. <p>&#8216;दीदी. ये किस चेनल से आता है .&#8217;उसकी उत्सुकता बढ रही थी।</p>
  1432.  
  1433.  
  1434.  
  1435. <p>&#8216;अरे तुझे देखना है ना तो दिन को फ़्री हो कर आना . फिर अपन दोनो देखेंगे. ठीक है ना.&#8217;</p>
  1436.  
  1437.  
  1438.  
  1439. <p>&#8216;हां दीदी.तुम कितनी अच्छी हो.&#8217; उसने मुझे जोश में आकर प्यार कर लिया। मैं रोमांचित हो उठी. आज उसके चुम्बन में सेक्स था। उसने अपना काम जल्दी से निपटा लिया. और चली गयी। तीर निशाने पर लग चुका था।</p>
  1440.  
  1441.  
  1442.  
  1443. <p>करीब दिन को एक बजे आशा वापस आ गयी। मैने उसे प्यार से बिस्तर पर बैठाया और नीचे से केस खोल कर प्लेयर में सीडी लगा दी और मैं भी बिस्तर पर बैठ गयी। ये दूसरी फ़िल्म थी। फ़िल्म शुरू हो चुकी थी। मैं आशा के चेहरे का रंग बदलते देख रही थी। उसकी आंखो में वासना के डोरे आ रहे थे। मैने थोडा और इन्तजार किया. चुदाई के सीन चल रहे थे।</p>
  1444.  
  1445.  
  1446.  
  1447. <p>मेरे शरीर में भी वासना जाग उठी थी। आशा का बदन भी रह रह कर सिहर उठता था। मैने अब धीरे से उसकी पीठ पर हाथ रखा। उसकी धडकने तक महसूस हो रही थी। मैने उसकी पीठ सहलानी चालू कर दी।</p>
  1448.  
  1449.  
  1450.  
  1451. <p>मैने उसे हल्के से अपनी ओर खींचने की कोशिश की. तो वो मेरे से सट गयी। उसका कसा हुआ बदन.उसकी बदन की खुशबू. मुझे महसूस होने लगी थी। टीवी पर शानदार चुदाई का सीन चल रहा था। आशा का पल्लू उसके सीने से नीचे गिर चुका था. मैने धीरे से उसके स्तनों पर हाथ रख दिया. उसने मेरा हाथ स्तनों के ऊपर ही दबा दिया। और सिसक पडी।</p>
  1452.  
  1453.  
  1454.  
  1455. <p>&#8216;आशा. कैसा लग रहा है.&#8217;</p>
  1456.  
  1457.  
  1458.  
  1459. <p>&#8216;दीदी. बहुत ही अच्छा लग रहा है.कितना मजा आ रहा है.&#8217; कहते हुए उसने मेरी तरफ़ देखा . मैने उसकी चूंचियां सहलानी शुरू कर दी. उसने मेरा हाथ पकड लिया.</p>
  1460.  
  1461.  
  1462.  
  1463. <p>&#8216;बस दीदी. अब नहीं .&#8217;</p>
  1464.  
  1465.  
  1466.  
  1467. <p>&#8216;अरे मजे ले ले . ऐसे मौके बार बार नहीं आते..&#8217; मैने उसके थरथराते होंठों पर अपने होंठ रख दिये. आशा उत्तेजना से भरी हुयी थी। आशा ने मेरे स्तनों को अपने हाथों में भर लिया और धीरे धीरे दबाने लगी। मैने उसका लहंगा ऊपर उठा दिया. और उसकी चिकनी जांघों पर हाथ से सहलाने लगी. अब मेरे हाथ उसकी चूत पर आ चुके थे। चूत चिकनाई और पानी छोड रही थी। मेरे हाथ लगाते ही आशा मेरे से लिपट गयी। मुझे लगा मेरा काम हो गया।</p>
  1468.  
  1469.  
  1470.  
  1471. <p>&#8216;दीदी. हाय. नहीं करो ना . मां.री. कैसा लग रहा है.&#8217;</p>
  1472.  
  1473.  
  1474.  
  1475. <p>मैने उसकी चूत के दाने को हल्के हल्के से हिलाने लगी.। वो नीचे झुकती जा रही थी. उसकी आंखे नशे में बन्द हो रही थी।</p>
  1476.  
  1477.  
  1478.  
  1479. <p>उधर सुनील लन्च पर आ चुका था। उसने अन्दर कमरे में झांक कर देखा। मैने उसे इशारा किया कि अभी रुको। मैने आशा को और उत्तेजित करने के लिये उससे कहा- &#8216;आशा . आ मैं तेरा बदन सहला दूं.. कपड़े उतार दे .&#8217;</p>
  1480.  
  1481.  
  1482.  
  1483. <p>&#8216;दीदी . ऊपर से ही मेर बदन दबा दो ना.&#8217; वो बिस्तर पर लेट गयी। मैं उसके उभारों को दबाती रही.उसकी सिसकियां बढती रही. मैने अब उसकी उत्तेजना देख कर उसका ब्लाऊज उतार दिया. उसने कुछ नहीं कहा. मैने भी यह देख कर अपने कपडे तुरन्त उतार दिये। अब मैं उसकी चूत पर अपनी उंगली से दबा कर सहलाने लगी. और धीरे से एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। उसके मुख से आनन्द की सिसकारी निकल पड़ी.</p>
  1484.  
  1485.  
  1486.  
  1487. <p>&#8216;आशा . हाय कितना मजा आ रहा है. है ना.&#8217;<br>&#8216;हां दीदी. हाय रे. मैं मर गयी.&#8217;<br>&#8216;लन्ड से चुदोगी आशा. मजा आयेगा.&#8217;<br>&#8216;कैसे दीदी . लन्ड कहां से लाओगी.&#8217;</p>
  1488.  
  1489.  
  1490.  
  1491. <p>&#8216;कहो तो सुनील को बुला दूं . तुम्हे चोद कर मस्त कर देगा&#8217;<br>&#8216;नहीं .नहीं . साब से नहीं .&#8217;<br>&#8216;अच्छा उल्टी लेट जाओ . अब पीछे से तुम्हारे चूतड़ भी मसल दूं.&#8217;</p>
  1492.  
  1493.  
  1494.  
  1495. <p>वो उल्टी लेट गयी। मैने उसकी चूत के नीचे तकिया लगा दिया। और उसकी गान्ड ऊपर कर दी। अब मैने उसके दोनो पैर चौड़ा दिये और उसके गान्ड के छेद पर और उसके आस पास सहलाने लगी। वो आनन्द से सिसकारियां भरने लगी।</p>
  1496.  
  1497.  
  1498.  
  1499. <p>सुनील दरवाजे के पास खडा हुआ सब देख रहा था। उसने अपने कपड़े भी उतार लिये। ये सब कुछ देख कर सुनील का लन्ड टाईट हो चुका था। उसने अपना लन्ड पर उंगलियों से चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगा। मैं आशा की गान्ड और चूतडों को प्यार से सहला रही थी। उसकी उत्तेजना बहुत बढ चुकी थी। मैने सुनील को इशारा कर दिया. कि लोहा गरम है.. आ जाओ.।</p>
  1500.  
  1501.  
  1502.  
  1503. <p>सुनील दबे पांव अन्दर आ गया। मैने इशारा किया कि अब चोद डालो इसे। उसके फ़ैले हुये पांव और खुली हुयी चूत सुनील को नजर आ रही थी। ये देख कर उसका लन्ड और भी तन्नाने लगा।<br>सुनील उसकी पैरों के बीच में आ गया। मैं आशा के पीछे आ गयी. सुनील ने आशा के चूतडों के पास आकर लन्ड को उसकी चूत पर रख दिया। आशा को तुरन्त ही होश आया.पर तब तक देर हो चुकी थी। सुनील ने उस काबू पा लिया था। वो उसके चूतडों से नीचे लन्ड चूत पर अड़ा चुका था। उसके हाथों और शरीर को अपने हाथों में कस चुका था।</p>
  1504.  
  1505.  
  1506.  
  1507. <p>आशा चीख उठी.पर तब तक सुनील का हाथ उसका मुँह दबा चुका था। मैने तुरन्त ही सुनील का लन्ड का निशाना उसकी चूत पर साध दिया। सुनील हरकत में आ गया।</p>
  1508.  
  1509.  
  1510.  
  1511. <p>उसका लन्ड चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया। चूत गीली थी.चिकनी थी पर अभी तक चुदी नहीं थी। दूसरे ही धक्के में लन्ड गहराई में उतरता चला गया। आशा की आंखे फ़टी पड़ रही थी। घू घू की आवाजें निकल रही थी। उसने अपने हाथों से जोर लगा कर मेरा हाथ अपने मुह से हटा लिया। और जोर से रो पडी. उसकी आंखो से आंसू निकल रहे थे. चूत से खून टपकने लगा था।</p>
  1512.  
  1513.  
  1514.  
  1515. <p>&#8216;बाबूजी . छोड दो मुझे. मत करो ये..&#8217; उसने विनती भरे स्वर में रोते हुये कहा। पर लन्ड अपना काम कर चुका था।</p>
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  1518.  
  1519. <p>&#8216;बस.बस. अभी सब ठीक हो जायेगा. रो मत.&#8217; मैने उसे प्यार से समझाया।</p>
  1520.  
  1521.  
  1522.  
  1523. <p>&#8216;नहीं बस. छोड़ दो अब . मैं तो बरबाद हो गयी दीदी. आपने ये क्या कर दिया.&#8217; वो नीचे दबी हुयी छटपटाती रही। हम दोनों ने मिलकर उसे दबोच लिया। दबी चीखें उसके मुह से निकलती रही। सुनील ने लन्ड को धीरे धीरे से अन्दर बाहर करना शुरु कर दिया।</p>
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  1525.  
  1526.  
  1527. <p>&#8216;साब.छोड़ दो ना . मैं तो बरबाद हो गयी.. हाऽऽऽय.&#8217; वो रो रो कर. विनती करती रही। सुनील ने अब उसकी चूंचियां भी भींच ली। वो हाय हाय करके रोती रही .नीचे से अपने बदन को छटपटाकर कर हिलाती कर निकलने की कोशिश करती रही। लेकिन वो सुनील के शरीर और हाथों में बुरी तरह से दबी थी। अन्तत: उसने कोशिश छोड दी और निढाल हो कर रोती रही।</p>
  1528.  
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  1530.  
  1531. <p>सुनील ने अपनी चुदाई अब तेज कर दी . उसका कुंवारापन देख कर सुनील और भी उत्तेजित होता जा रहा था। धक्के तेजी पर आ गये थे। कुछ ही देर में आशा का रोना बन्द हो गया . और अन्दर ही अन्दर शायद उसे मस्ती चढने लगी.</p>
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  1533.  
  1534.  
  1535. <p>&#8216;हाय मैं लुट गयी. मेरी इज़्ज़त चली गयी.।&#8217; बस आंखे बन्द करके यही बोलती जा रही थी. नीचे तकिया खून से सन गया था। अब सुनील ने उसकी चूंचियां फिर से पकड ली और उन्हे दबा दबा कर चोदने लगा। आशा अब चुप हो गयी थी. शायद वो समझ चुकी थी कि उसकी झिल्ली फ़ट चुकी है और अब बचने का भी कोई रास्ता नही है। पर अब उसके चेहरे से लग लग रहा था कि उसे मजा आ रहा है। मैने भी चैन की सांस ली.।</p>
  1536.  
  1537.  
  1538.  
  1539. <p>मैने देखा कि सुनील का लन्ड खून से लाल हो चुका था। उसकी कुँवारी चूत पहली बार चुद रही थी। उसकी टाईट चूत का असर ये हुआ कि सुनील जल्दी ही चरमसीमा पर पहुंच गया। अचानक नीचे से आशा की सिसकारी निकल पडी और वो झड़ने लगी। सुनील को लगा कि आशा को अन्तत: मजा आने लगा था और वो उसी कारण वो झड़ गयी थी।</p>
  1540.  
  1541.  
  1542.  
  1543. <p>अब सुनील ने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और अपनी पिचकारी छोड दी। सारा वीर्य आशा के चूतडों पर फ़ैलने लगा। मैने जल्दी से सारा वीर्य आशा की चूतडों पर फ़ैला दिया। सुनील अब शान्त हो चुका था।</p>
  1544.  
  1545.  
  1546.  
  1547. <p>सुनील बिस्तर से नीचे उतर आया। आशा को भी चुदने के बाद अब होश आया. वो वैसी ही लेटी हुई अब रोने लगी थी।</p>
  1548.  
  1549.  
  1550.  
  1551. <p>&#8216;बस अब तो हो गया . चुप हो जा.देख तेरी इच्छा भी तो पूरी हो गयी ना.&#8217;</p>
  1552.  
  1553.  
  1554.  
  1555. <p>&#8216;दीदी. आपने मेरे साथ अच्छा नहीं किया. मैं अब कल से काम पर नहीं आऊंगी.&#8217; वो उठते हुये रोती हुई बोली. उसने अपने कपडे उठाये और पहनने लगी. सुनील भी कपडे पहन चुका था।</p>
  1556.  
  1557.  
  1558.  
  1559. <p>मैने सुनील को तुरन्त इशारा किया . वो समझ चुका था. जैसे ही आशा जाने को मुडी मैने उसे रोक लिया.&#8217;सुनो आशा. सुनील क्या कह रहा है..&#8217;</p>
  1560.  
  1561.  
  1562.  
  1563. <p>&#8216;आशा . मुझे माफ़ कर दो . देखो मुझसे रहा नही गया तुम्हे उस हालत में देख कर. प्लीज.&#8217;<br>&#8216;नहीं. नहीं साब. आपने तो मुझे बरबाद कर दिया है . मैं आपको कभी माफ़ नहीं करूंगी.&#8217; उसका चेहरा आंसुओं से तर था।</p>
  1564.  
  1565.  
  1566.  
  1567. <p>सुनील ने अपनी जेब से सौ सौ के दो नोट निकाल कर उसे दिये.पर उसने देख कर मुह फ़ेर लिया. उसने फिर और सौ सौ के पाँच नोट निकाल दिये. उसकी आंखो में एकबारगी चमक आ गयी. मैने तुरन्त उसे पहचान लिया। मैने सुनील के हाथ से नोट लिये और अपने पर्स से सौ सौ के कुल एक हज़ार रुपये निकाल कर उसके हाथ में पकड़ा दिये। उसका चेहरा खिल उठा।</p>
  1568.  
  1569.  
  1570.  
  1571. <p>&#8216;देख . ये साब ने गलती की ये उसका हरज़ाना है. हां अगर साब से और गलती करवाना हो तो इतने ही नोट और मिलेंगे.&#8217;<br>&#8216;दीदी . मैं आपकी आज से बहन हूं. मुझे पैसों की जरूरत किसे नहीं होती है.&#8217; मैने उसे आशा को गले लगा लिया.</p>
  1572.  
  1573.  
  1574.  
  1575. <p>&#8216;आशा .. माफ़ कर देना. तू सच में आज से मेरी बहन है. तेरी इच्छा हो . तभी ये करना.&#8217; आशा खुश हो कर जाने लगी. दरवाजे से उसने एक बार फिर मुड़ कर देखा . फिर भाग कर आयी . और मेरे से लिपट गयी. और मेरे कान में कहा- दीदी. साब से कहना . धन्यवाद.&#8217;</p>
  1576.  
  1577.  
  1578.  
  1579. <p>&#8216; अब साब नहीं ! जीजाजी बोल ! और धन्यवाद किस लिये. पैसों के लिये .&#8217;<br>&#8216; नहीं . मेरी चुदाई के लिये.&#8217;</p>
  1580.  
  1581.  
  1582.  
  1583. <p>वो मुड़ी और बाहर भाग गयी.. मैं उसे देखती रह गयी. तो क्या ये सब खेल खेल रही थी। मेरी नजर ज्योंही मेज़ पर पड़ी तो देखा कि सारे नोट वहीं पड़े हुए थे . सुनील असमंजस में था..</p>
  1584. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_2132" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="2132" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%be/">कुंवारी नौकरानी को चोदा</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
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  1586. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%8c%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a4%be/feed/</wfw:commentRss>
  1587. <slash:comments>0</slash:comments>
  1588. </item>
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  1590. <title>अजनबी आंटी और उसकी सहेली को चोदा</title>
  1591. <link>https://www.69kar.com/%e0%a4%85%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%89%e0%a4%b8%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95/</link>
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  1593. <dc:creator><![CDATA[Aditya]]></dc:creator>
  1594. <pubDate>Fri, 16 Aug 2024 04:27:33 +0000</pubDate>
  1595. <category><![CDATA[अजनबी (Stranger)]]></category>
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  1597.  
  1598. <description><![CDATA[<p>मैंने एक आंटी की मदद की उनका सामान उनके घर पहुंचाने में. उन्होंने मुझे अंदर बुला लिया. उनके घर में जाकर मैंने आंटी की चूत</p>
  1599. <p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%85%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%89%e0%a4%b8%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95/">अजनबी आंटी और उसकी सहेली को चोदा</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  1600. ]]></description>
  1601. <content:encoded><![CDATA[
  1602. <p>मैंने एक आंटी की मदद की उनका सामान उनके घर पहुंचाने में. उन्होंने मुझे अंदर बुला लिया. उनके घर में जाकर मैंने आंटी की चूत चुदाई की. ये सब कैसे हुआ? उनकी सहेली कैसे आयी?</p>
  1603.  
  1604.  
  1605.  
  1606. <p>दोस्तो, मेरा नाम अयाज़ है, मैं राजस्थान के अलवर जिले से हूँ. मेरी उम्र 25 वर्ष है, मेरे लंड का साइज़ साढ़े सात इंच है.</p>
  1607.  
  1608.  
  1609.  
  1610. <p>आज मैं यहां अपने जीवन की एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ. ये कहानी मेरी और दो अनजान आंटियों के बीच हुई चुदाई की कहानी है, जिनसे में अचानक से ही मिला था.</p>
  1611.  
  1612.  
  1613.  
  1614. <p>ये बात गर्मियों के दिनों की है, मेरे कॉलेज की छुट्टियां चल रही थीं, तो मैं बिल्कुल फ्री था.</p>
  1615.  
  1616.  
  1617.  
  1618. <p>मैं एक दिन में रेलवे स्टेशन गया था, मेरा कोई पार्सल आया हुआ था. मैं उसे लेने के लिए जब उधर गया, तो मुझे पता चला कि मेरा पार्सल अभी तक आया नहीं है. मैं वापस अपने घर की तरफ जाने लगा. मेरा घर स्टेशन से थोड़ा दूर है, तो मैं टेम्पो का इंतज़ार कर रहा था.</p>
  1619.  
  1620.  
  1621.  
  1622. <p>अचानक से मैंने देखा तो एक आंटी सामने से आ रही थीं. उनके पास दो पार्सल थे. मैंने उन्हें देखा, तो सोचा कि उनकी मदद कर दूं. आंटी के हाथ में एक पार्सल तो छोटा सा ही था. मगर दूसरा पार्सल कुछ ज्यादा बड़ा था. मुझे समझ आ गया कि उसमें शायद कोई बड़ा आइटम है.</p>
  1623.  
  1624.  
  1625.  
  1626. <p>मैं आंटी के पास गया और उनसे कहा- हैलो आंटी … क्या मैं आपकी कोई हेल्प कर दूं?</p>
  1627.  
  1628.  
  1629.  
  1630. <p>आंटी ने मेरी तरफ देखा और कहा- हां शायद मैं इन दोनों को एक साथ नहीं ले जा सकती हूँ … ये बहुत भारी हैं.<br>मैंने कहा- कोई बात नहीं आंटी … मैं आपकी मदद कर देता हूँ. चलिए कहां चलना है?<br>आंटी ने कहा- उधर पार्किंग में मेरी कार खड़ी है. उधर तक ले चलो प्लीज़.</p>
  1631.  
  1632.  
  1633.  
  1634. <p>मैंने वो बड़ा वाला पार्सल उठाया और आंटी के साथ चलने लगा. आंटी ने साड़ी पहन रखी थी. आंटी की उम्र करीब 34 साल की थी, वो देखने में बहुत ही खूबसूरत थीं. उनका बदन पूरा भरा हुआ था.<br>आंटी ने चलते हुए मुझसे पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?<br>मैंने कहा- मेरा नाम अयाज़ है.<br>वो बोलीं- क्या करते हो?<br>मैंने कहा- मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ.<br>वो मुझे देखते हुए बोलीं- अच्छा.</p>
  1635.  
  1636.  
  1637.  
  1638. <p>फिर मैंने उनसे पूछा- आंटी आप कहां रहती हैं?<br>तो आंटी बोलीं- मैं एमजी कॉलोनी में रहती हूँ.<br>मैंने कहा- अच्छा … आप क्या करती हैं?<br>वो बोलीं- मेरा खुद का बिज़नेस है … मैं वो करती हूँ.<br>मैंने पूछा- कैसा बिज़नेस आंटी?<br>वो बोलीं कि मैं सिलाई करती हूँ और ऑनलाइन अपने प्रोडक्ट्स की सेल करती हूँ.</p>
  1639.  
  1640.  
  1641.  
  1642. <p>मैं उनकी मेहनत की मन ही मन तारीफ़ करने लगा.</p>
  1643.  
  1644.  
  1645.  
  1646. <p>ऐसे ही बात करते करते हम पार्किंग में आ गए. वहां आंटी की कार खड़ी थी.</p>
  1647.  
  1648.  
  1649.  
  1650. <p>मैंने उनकी कार में वो सामान रखा और उनसे कहा- अच्छा आंटी अब मैं चलता हूँ.<br>तो आंटी बोलीं- अरे बेटा … तुम मेरे साथ ही चलो न … तुम्हारा घर किस तरफ है?<br>मैंने उन्हें मेरे घर का पता बताया.</p>
  1651.  
  1652.  
  1653.  
  1654. <p>वो बोलीं- हां मैं उसी तरफ से तो जा रही हूँ … चलो बैठो … मैं तुम्हें छोड़ दूंगी.<br>मैंने कहा- ठीक है आंटी.</p>
  1655.  
  1656.  
  1657.  
  1658. <p>फिर इस तरह मैं आंटी की कार में बैठकर अपने घर तरफ जाने लगा. मैंने आंटी से पूछा- आंटी आपके घर में और कौन कौन है?</p>
  1659.  
  1660.  
  1661.  
  1662. <p>आंटी बोलीं- मैं अपने घर में अकेली ही रहती हूँ.<br>मैंने कहा- क्यों … आपके पति कहां हैं?<br>वो बोलीं- मेरा डाइवोर्स हो चुका है.<br>मैंने कहा- सॉरी आंटी … मुझे नहीं पता था.<br>आंटी बोलीं- कोई बात नहीं, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है.</p>
  1663.  
  1664.  
  1665.  
  1666. <p>अब जैसे ही आंटी ने बोला कि उनका डाइवोर्स हो चुका है, तो मेरे मन में उनका मस्त बदन घूमने लगा. मुझे लगा कि क्यों न आज इस आंटी को चोदा जाए. किसी तरह से आज ये आंटी एक रात के लिए मिल जाए, तो मज़ा आ जाए.</p>
  1667.  
  1668.  
  1669.  
  1670. <p>तभी अचानक से मेरे दिमाग में एक आईडिया आया.<br>मैंने आंटी से कहा- आंटी यहां तो मैंने ये पार्सल रखवा दिए हैं. लेकिन आपके घर पर तो आप अकेले ही हो … तो आप इन्हें कार से निकाल कर अन्दर कैसे रखोगी?</p>
  1671.  
  1672.  
  1673.  
  1674. <p>मेरी ये बात सुनकर आंटी बोलीं- हां ये तो है … क्या तुम मेरे साथ मेरे घर तक चल चलोगे? मैं तुम्हें वापस छोड़ने आ जाऊँगी. तुम्हें बस थोड़ी तकलीफ और होगी.</p>
  1675.  
  1676.  
  1677.  
  1678. <p>मुझे क्या था, मैं तो खुद यही चाहता था. मैंने बिना रुके आंटी से कहा- क्यों नहीं आंटी … आप चलिए मैं ये पार्सल आपके घर में रखवा दूंगा.</p>
  1679.  
  1680.  
  1681.  
  1682. <p>फिर वो आंटी सीधा मुझे अपने घर ले गईं. मैंने देखा कि उन आंटी का घर तो बहुत बड़ा था.</p>
  1683.  
  1684.  
  1685.  
  1686. <p>मैंने तारीफ़ करते हुए कहा- आंटी, आपका घर तो बहुत ही बड़ा और अच्छा है.<br>आंटी बोलीं- थैंक्यू … अब अन्दर चलो.<br>मैंने कहा- जी आंटी, चलिए.</p>
  1687.  
  1688.  
  1689.  
  1690. <p>फिर मैंने कार से वो पार्सल निकाले और आंटी के साथ अन्दर उनके घर में आ गया. उस वक्त घर में सिर्फ मैं और वो ही थे. मेरे दिल में तो लड्डू फूटने लगे थे. बस आंटी के राजी होने की देर थी.</p>
  1691.  
  1692.  
  1693.  
  1694. <p>फिर आंटी ने मुझे पार्सल को एक जगह रखने को कहा- अयाज, आओ यहां सोफे आ जाओ.<br>उन्होंने मुझे सोफे पर बैठने को कहा, तो मैं सोफे पर जाकर बैठ गया.</p>
  1695.  
  1696.  
  1697.  
  1698. <p>फिर वो आंटी अन्दर गईं और पानी लेकर आईं. आंटी ने मुझे पानी दिया और वो भी वहीं बैठ गईं.</p>
  1699.  
  1700.  
  1701.  
  1702. <p>मैंने पानी पिया और उनसे पूछा- आंटी आपने इन पार्सलों में ऐसा क्या मंगवाया है, ये इतना भारी क्यों है?</p>
  1703.  
  1704.  
  1705.  
  1706. <p>आंटी एक मिनट के लिए चुप हो गईं और मेरी तरफ देखकर कुछ सोचने लगीं.</p>
  1707.  
  1708.  
  1709.  
  1710. <p>मैंने फिर कहा- आंटी ऐसा क्या है इन पार्सलों में, जो आप इतना सोच रही हो?</p>
  1711.  
  1712.  
  1713.  
  1714. <p>आंटी ने बड़े वाले पार्सल की तरफ इशारा करते हुए कहा- इसमें मैंने इसमें टोस्टर मंगवाए हैं. इसमें दो टोस्टर हैं. एक मैंने मेरी फ्रेंड के लिए मंगवाया है. बस वो अभी लेने आएगी.</p>
  1715.  
  1716.  
  1717.  
  1718. <p>मैंने कहा- अच्छा और वो दूसरे वाले पार्सल में क्या है?<br>आंटी ने कहा- उसमें तो मैंने कुछ किताबें मंगवाई हैं … वो हैं.</p>
  1719.  
  1720.  
  1721.  
  1722. <p>मैंने ओके में सर हिला दिया.</p>
  1723.  
  1724.  
  1725.  
  1726. <p>फिर आंटी अन्दर चली गई थीं, तो मैंने आंटी को आवाज़ देकर पूछा- आंटी, क्या मैं ये पार्सल खोल कर टोस्टर देख लूं, कैसे हैं?<br>आंटी ने कहा- हां देख लो.</p>
  1727.  
  1728.  
  1729.  
  1730. <p>मैंने टोस्टर वाले पार्सल को खोलने की कोशिश की, लेकिन वो पार्सल नहीं खुला. क्योंकि उस पर मोटी टेप लगी हुई थी. बिना कैंची के खुलना सम्भव नहीं था.</p>
  1731.  
  1732.  
  1733.  
  1734. <p>फिर मैंने सोचा कि तब तक ये किताबें ही देख लूं … काहे की किताबें हैं. मैं उस दूसरे पार्सल को खोलने लगा. फिर जैसे ही मैंने वो पार्सल खोला और ऊपर वाली किताब का नाम देखा. उसका नाम देखकर मेरे होश उड़ गए. उस बुक पर चुदाई की कहानियां लिखा था. मैंने जैसे ही ये नाम पढ़ा, मुझे सब समझ आ गया कि आंटी पूरी तरह से चुदाई की भूखी हैं. अब मुझे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं थी.</p>
  1735.  
  1736.  
  1737.  
  1738. <p>मैंने वहीं टेबल पर रखे पानी के जग से पानी गिलास में भरा और जानबूझ कर मैंने अपने पजामे पर पानी गिरा दिया.<br>पानी गिरते ही मैंने अपने मुँह से जोर की आवाज निकाली- ओह शिट.</p>
  1739.  
  1740.  
  1741.  
  1742. <p>मेरी आवाज सुनकर अचानक से आंटी बाहर आईं. उन्होंने देखा कि मेरे पजामे पर पानी गिर गया है.</p>
  1743.  
  1744.  
  1745.  
  1746. <p>उन्होंने मुझसे पूछा- अरे ये कैसे हो गया, तुम्हारा तो पूरा पजामा गीला हो गया.<br>मैंने कहा- आंटी हां पानी गिर गया … मगर कोई बात नहीं, अभी तो वैसे भी गर्मी है. कुछ देर में सूख जाएगा.</p>
  1747.  
  1748.  
  1749.  
  1750. <p>आंटी बोलीं- गर्मी है तो क्या हुआ, गीला पजामा थोड़ी पहने रहोगे.<br>मैंने कहा- तो क्या करूं?<br>आंटी बोलीं- अभी तुम थोड़ी देर तौलिया पहन लो … तब तक तुम्हारा पजामा भी सूख जाएगा.<br>मैंने कहा- नहीं आंटी रहने दीजिए. इसकी कोई जरूरत नहीं है.<br>आंटी बोलीं- अरे जरूरत कैसे नहीं है … तुमने मेरी इतनी हेल्प की है. मैं तुम्हारे लिए इतना तो कर ही सकती हूँ.</p>
  1751.  
  1752.  
  1753.  
  1754. <p>मैं तो पहले से ही रेडी था … तो मैंने कहा- ठीक है आंटी … आप बताइए बाथरूम कहां है, मैं जाकर तौलिया पहन लेता हूँ.<br>आंटी बोलीं- तौलिया पहनने के लिए बाथरूम में जाने की क्या जरूरत है, यहीं चेंज कर लो. मेरे सामने करने में कोई प्रॉब्लम है क्या?<br>मैंने कहा- आंटी लेकिन आपके सामने कैसे!<br>आंटी बोलीं- क्यों क्या तुम मेरे सामने तौलिया नहीं पहन सकते?<br>मैंने कहा- पहन तो सकता हूँ … लेकिन मुझे शर्म आएगी.<br>आंटी हंस कर बोलीं- इसमें क्या शर्माना … तुम कोई लड़की हो … कर लो यहीं चेंज.</p>
  1755.  
  1756.  
  1757.  
  1758. <p>फिर मैंने हंसते हुए आंटी की तरफ देखा और अपने पजामे को नीचे खींचकर उतारने लगा. मैं ये देख रहा था कि आंटी की नज़रें मेरे पजामे पर मेरे लौड़े पर ही जमी थीं.</p>
  1759.  
  1760.  
  1761.  
  1762. <p>मैंने धीरे धीरे करके पूरा पजामा उतार दिया और अंडरवियर में खड़ा हो गया. आंटी के सामने होने की वजह से मैं कब से उनके बारे में सोच रहा था, इसीलिए मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था. उधर आंटी भी मेरे खड़े लंड को देख रही थीं.</p>
  1763.  
  1764.  
  1765.  
  1766. <p>फिर मैंने आंटी के हाथ से तौलिया लिया और उसे पहन कर बैठ गया. आंटी की नजर मेरे ऊपर ही जमी थीं.</p>
  1767.  
  1768.  
  1769.  
  1770. <p>आंटी मुझसे पूछने लगीं- क्या तुम जिम जाते हो?<br>मैंने कहा- हां.<br>आंटी बोलीं- तभी इतना मस्त शरीर है तुम्हारा.<br>मैंने कहा- हां जी.</p>
  1771.  
  1772.  
  1773.  
  1774. <p>फिर आंटी की नजर दूसरे वाले पार्सल पर जा पड़ी. आंटी ने कहा- तुमने ये पार्सल क्यों खोला?<br>मैंने कहा- आंटी मैं तो बड़ा वाला ही खोल रहा था, लेकिन इसमें टेप लगी हुई थी … तो मैंने सोचा ये छोटा वाला ही खोलकर देख लूं.</p>
  1775.  
  1776.  
  1777.  
  1778. <p>आंटी ने मेरी तरफ देखकर हंसते हुए कहा कि ये किताब बस मैं यूं ही ले आई थी.<br>मैंने भी आंटी से कहा- आंटी कोई बात नहीं … मुझे पता है आप अकेली रहती हैं … और आपको भी ख़ुशी चाहिए होती है … इसलिए आप ये सब कर लेती हैं.</p>
  1779.  
  1780.  
  1781.  
  1782. <p>आंटी मेरी बात सुनकर हंसने लगीं. मैं भी समझ गया कि अब मेरा काम हो जाएगा.</p>
  1783.  
  1784.  
  1785.  
  1786. <p>मैं धीरे से आंटी के पास गया और मैंने आंटी से कहा- आंटी अगर आपकी इजाजत हो, तो आज मैं आपको खुशी दे दूं.</p>
  1787.  
  1788.  
  1789.  
  1790. <p>आंटी ने अचानक से ही मेरे करीब आते हुए मुझसे अपना जिस्म सटा दिया. अगले ही पल उनके मुलायम से होंठ मेरे होंठों पर आ जमे. मैंने भी आंटी का सपोर्ट करते हुए आंटी के होंठों को अपने होंठों से पकड़ लिया और उनके नीचे वाले होंठ को अपने दोनों होंठों के बीच में दबाकर चूसने लगा. आंटी के होंठ चूसते हुए ही मैंने उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनके मम्मों पर अपने हाथ जमा दिए और मसलने लगा.</p>
  1791.  
  1792.  
  1793.  
  1794. <p>उनके 34 नाप के मम्मों को दबाने में मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊं.</p>
  1795.  
  1796.  
  1797.  
  1798. <p>फिर मैंने उनके होंठों को चूसते चूसते कहा- आंटी मैं आपका पूरा बदन चूसना चाहता हूँ.<br>आंटी बोलीं- हां जरूर … तुम जो करना चाहो … कर लो.</p>
  1799.  
  1800.  
  1801.  
  1802. <p>मैंने आंटी को अपनी गोद में उठाया और उनसे पूछा- बेडरूम किधर है?<br>उन्होंने कहा- सामने है.</p>
  1803.  
  1804.  
  1805.  
  1806. <p>मैं उन्हें बेडरूम में ले गया और उनकी साड़ी हटा कर उनको बेड पर लेटा दिया.</p>
  1807.  
  1808.  
  1809.  
  1810. <p>फिर मैंने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और उनके पास बेड पर चला गया. मैं उनके होंठों को चूसने लगा और चाटने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.</p>
  1811.  
  1812.  
  1813.  
  1814. <p>मैं आंटी को चूमते हुए अपने हाथों से उनके ब्लाउज के बटन खोलने लगा. मैंने धीरे धीरे ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए और ब्लाउज को खोल दिया. उन्होंने अन्दर रेड कलर की ब्रा पहन रखी थी. मैंने लाल ब्रा के ऊपर से ही आंटी के मम्मों पर किस किया और प्यार से चूमते हुए अपनी जीभ से चाट लिया.</p>
  1815.  
  1816.  
  1817.  
  1818. <p>मैंने उनके ब्लाउज को पूरा निकाल दिया. उसके बाद मैंने नीचे से पेटीकोट को निकालना शुरू किया और धीरे धीरे पूरा पेटीकोट उतार दिया.</p>
  1819.  
  1820.  
  1821.  
  1822. <p>आंटी ने नीचे ब्लैक कलर की पेंटी पहनी थी. मैंने आंटी की पेंटी को बड़े प्यार से अपने हाथों से छुआ, तो आंटी के मुँह से एक जोर की सिसकारी निकल गई. ‘अह्हा … अयाज … उम्म्म्म..’</p>
  1823.  
  1824.  
  1825.  
  1826. <p>मैंने आंटी के सीने पर अपने होंठों को सीने रखकर किस करना शुरू कर दिया. मैं उनके मम्मों की नोकों की तरफ बढ़ने लगा.</p>
  1827.  
  1828.  
  1829.  
  1830. <p>मैंने आंटी को अपनी बांहों में लिया और पीछे हाथ डालकर उनकी ब्रा का हुक खोल दिया. आंटी कुछ भी नहीं बोल रही थीं … वो बस आंह आह … करके बेड पर पड़े मज़े ले रही थीं. मैंने ब्रा को खोल दिया और आंटी के मम्मों को चूसने लगा.</p>
  1831.  
  1832.  
  1833.  
  1834. <p><br>मैंने एक एक करके दोनों मम्मों को खूब अच्छे से चूसा. करीब 5 मिनट तक मम्मों की चुसाई के बाद आंटी पूरी गर्म हो चुकी थीं.</p>
  1835.  
  1836.  
  1837.  
  1838. <p>तभी अचानक मेरा फ़ोन बजा. मैं फोन सुना तो मुझे उस वक़्त कहीं अर्जेंट जाना पड़ रहा था.</p>
  1839.  
  1840.  
  1841.  
  1842. <p>जब आंटी को ये पता चला कि मुझे जाना पड़ेगा, तो आंटी भी उदास हो गईं. लेकिन मैंने आंटी को वापस आकर उनके एक एक अंग को चूस चूस कर मज़ा देने का वायदा किया.</p>
  1843.  
  1844.  
  1845.  
  1846. <p>मैंने आंटी से कहा- मैं बस अभी दस मिनट में आता हूँ.</p>
  1847.  
  1848.  
  1849.  
  1850. <p>फिर मैं आंटी के पास बेमन से उठ कर चला गया और जल्दी ही वापस भी आ गया.</p>
  1851.  
  1852.  
  1853.  
  1854. <p>जब मैं वापस आया, तो उनका घर खुला था. मैं बिना आवाज दिए अन्दर चला गया और कमरे में जाकर देखा, तो आंटी बेडरूम में नहीं थीं.</p>
  1855.  
  1856.  
  1857.  
  1858. <p>मैंने इधर उधर देखा, तो बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी. बाथरूम का दरवाजा हल्का खुला था. मैं वहां जाकर देखने लगा.</p>
  1859.  
  1860.  
  1861.  
  1862. <p>अन्दर का नजारा दंग कर देने वाला था क्योंकि मैंने देखा कि बाथरूम में आंटी और उनकी एक फ्रेंड थीं. शायद ये उनकी वही सहेली थीं, जिनके लिए उन्होंने टोस्टर मंगवाया था. आंटी अपनी उन्हीं सहेली के साथ बाथरूम में नंगी खड़ी थीं और वे दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर शॉवर के नीचे नहा रही थीं.</p>
  1863.  
  1864.  
  1865.  
  1866. <p>जब मैंने ये सीन देखा, तो मेरे लंड का हाल बुरा हो गया. कुछ देर में जब मुझसे नहीं रुका गया, तो मैंने अपना पजामा और अंडरवियर उतारा और अन्दर बाथरूम में घुस गया.</p>
  1867.  
  1868.  
  1869.  
  1870. <p>मैंने आंटी को पीछे से पकड़ लिया. आंटी ने अचानक से मुझे देखा और हंसते हुए मुझे किस कर दिया.<br>आंटी ने अपनी फ्रेंड से कहा- यही है वो … जिसके आने का मुझे इन्तजार था.</p>
  1871.  
  1872.  
  1873.  
  1874. <p>उनकी फ्रेंड ने मुझे देखा और फिर मेरे लंड की तरफ देखते हुए मेरे पास आ गईं. उन्होंने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाते हुए मुझे वासना से देखने लगीं.</p>
  1875.  
  1876.  
  1877.  
  1878. <p>आंटी ने भी मेरा लंड अभी ही देखा था तो आंटी के मुँह में भी पानी आ गया.</p>
  1879.  
  1880.  
  1881.  
  1882. <p>मैंने आंटी से कहा- लगता खुशियां बांटने के लिए हमारे साथ आपकी फ्रेंड भी शामिल हो गई हैं.<br>उनकी सहेली मेरे लंड को पकड़ कर बोली- अगर अयाज को हम दोनों की एक साथ लेना मंजूर हो, तो मज़ा आ जाएगा.<br>मैंने कहा- मुझे और मेरे लौड़े को मंजूर है.</p>
  1883.  
  1884.  
  1885.  
  1886. <p>मैंने वहीं पर नीचे झुककर बैठते हुए आंटी की चूत पर अपनी जीभ को रख दिया और आंटी के चुत की फांकों को चौड़ा करके अपनी जीभ अन्दर डाल दी. मैं आंटी की चुत चाटने लगा. ये सब करने से आंटी को तो मानो जन्नत जैसी फीलिंग आने लगी.<br>अब आंटी मादक सिसकारियां भर रही थीं. मुझे वो सीन इतना अधिक कामुक लग रहा था कि मैं आपको लिख कर बता ही नहीं सकता. आप खुद अपनी आंखें बंद करके उस सीन की कल्पना कर सकते हो.</p>
  1887.  
  1888.  
  1889.  
  1890. <p>जो भी पाठिकाएं मेरी इस सेक्स कहानी को पढ़ रही होंगी, उन सभी को तो ये बात समझने की जरूरत ही नहीं है कि चुत चटवाने में कितना मज़ा आता है. जिस वक्त कोई चुत को चौड़ा करके उसमें जीभ घुसाता है, तब चुत की आग कितना मजा देती है.</p>
  1891.  
  1892.  
  1893.  
  1894. <p>आंटी की चुत चुसाई का सीन देखकर पास में खड़ी आंटी की सहेली ने तो अपना होश ही दिया और वो मेरे बदन को पीछे से चाटने लगीं. मेरी कमर पर अपनी जीभ फेरने लगीं.</p>
  1895.  
  1896.  
  1897.  
  1898. <p>मैंने आंटी की चुत को करीब तीन मिनट तक चाटा. फिर मैं खड़ा हो गया और आंटी के मम्मों को दबाने लगा. मेरे सामने आंटी की सहेली भी आ गई थीं. मैं उनकी फ्रेंड के मम्मों को भी दबाने लगा. उनकी चूचियां मसलते हुए मैंने आंटी की सहेली हो ध्यान से देखा तो उनकी उम्र भी करीब 32 साल की ही थी.</p>
  1899.  
  1900.  
  1901.  
  1902. <p>वो भी मस्त फिगर वाली थी … बल्कि वो आंटी से भी ज्यादा सेक्सी थीं. उन्होंने मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाते हुए मेरे कान में कहा- मेरी चुत भी चूसो न!</p>
  1903.  
  1904.  
  1905.  
  1906. <p>उसी तरह से मैंने आंटी की फ्रेंड की चुत को भी चाटा और दोनों मज़ा दिया.</p>
  1907.  
  1908.  
  1909.  
  1910. <p>मैंने अपने लंड को आंटी के मुँह में घुसाया और उनसे लंड चुसवाया. एक बार आंटी लंड को चूसतीं और एक बार उनकी सहेली मेरे लंड को चूसने लगतीं.</p>
  1911.  
  1912.  
  1913.  
  1914. <p>use<br>फिर मैंने कमरे में चलने के लिए कहा, तो वो दोनों बिस्तर पर गईं. मैंने पोजीशन बनाई और आंटी की चुत में लंड घुसा कर चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद उनकी सहेली भी चुत खोल कर लेट गई. तो मैंने आंटी की चुत से लंड निकाला और उनकी सहेली की चुत में पेल दिया. ऐसे ही मैंने बारी बारी से उन दोनों को करीब 30 मिनट तक चोदा.</p>
  1915.  
  1916.  
  1917.  
  1918. <p>अब तक आंटी दो बार और उनकी फ्रेंड एक बार झड़ चुकी थीं. फिर मैंने भी लंड बाहर झाड़ा, तो उन दोनों ने अपने मम्मों पर मेरे लंड रस को गिरवाया और लंड चूस कर साफ़ कर दिया.</p>
  1919.  
  1920.  
  1921.  
  1922. <p>मैं घर पर रात को आने की पक्का नहीं है, ऐसा कह कर आया था. इसलिए मुझे घर जाने की कोई चिंता नहीं थी. मैंने ऐसे ही उन दोनों पूरी रात अलग अलग आसनों में धकापेल चोदा. उस रात वो दोनों ही बहुत खुश हो गई थीं. बाद में मालूम हुआ कि आंटी की सहेली का भी तलाक हो चुका था और वो भी लंड की प्यासी थीं.</p>
  1923.  
  1924.  
  1925.  
  1926. <p>अब वो दोनों मुझसे खूब चुदवाती हैं और खुशियां पाती हैं.</p>
  1927. <div class="pvc_clear"></div><p id="pvc_stats_2129" class="pvc_stats total_only  " data-element-id="2129" style=""><i class="pvc-stats-icon medium" aria-hidden="true"><svg aria-hidden="true" focusable="false" data-prefix="far" data-icon="chart-bar" role="img" xmlns="http://www.w3.org/2000/svg" viewBox="0 0 512 512" class="svg-inline--fa fa-chart-bar fa-w-16 fa-2x"><path fill="currentColor" d="M396.8 352h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V108.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v230.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm-192 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V140.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v198.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zm96 0h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8V204.8c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v134.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8zM496 400H48V80c0-8.84-7.16-16-16-16H16C7.16 64 0 71.16 0 80v336c0 17.67 14.33 32 32 32h464c8.84 0 16-7.16 16-16v-16c0-8.84-7.16-16-16-16zm-387.2-48h22.4c6.4 0 12.8-6.4 12.8-12.8v-70.4c0-6.4-6.4-12.8-12.8-12.8h-22.4c-6.4 0-12.8 6.4-12.8 12.8v70.4c0 6.4 6.4 12.8 12.8 12.8z" class=""></path></svg></i> <img loading="lazy" decoding="async" width="16" height="16" alt="Loading" src="https://www.69kar.com/wp-content/plugins/page-views-count/ajax-loader-2x.gif" border=0 /></p><div class="pvc_clear"></div><p>The post <a href="https://www.69kar.com/%e0%a4%85%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%89%e0%a4%b8%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95/">अजनबी आंटी और उसकी सहेली को चोदा</a> appeared first on <a href="https://www.69kar.com">Hindi Sex Story | हिंदी सेक्स कहानी</a>.</p>
  1928. ]]></content:encoded>
  1929. <wfw:commentRss>https://www.69kar.com/%e0%a4%85%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%89%e0%a4%b8%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b9%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95/feed/</wfw:commentRss>
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